रतसर (बलिया) स्थानीय कस्बा क्षेत्र के सरस्वती भवन स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार हिंदुओं का एक बड़ा ही प्रमुख त्योहार है ।लक्ष्मी नारायण मंदिर में 1008 कमल पुष्प सेवकों द्वारा भगवान को अर्पित किया गया ।
मंदिर को सुंदर ,मनोरम झांकियों से सजाया गया था ।ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के इस पृथ्वी पर अवतरित होते ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीकृष्ण के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा, शंख, घंटे घड़ियाल बजने लगे । भगवान के जन्म उत्सव पर पं०चैतन्य भारद्वाज के साथ उदय नारायण पाण्डेय द्वारा भगवान का विशेष पूजन, आरती ,वंदन किया गया ।सभी आए हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया और सभी श्रद्धालु भगवान के दरबार में मत्था टेक कर अपने अपने घर को गए ।
भजन कार्यक्रम का प्रारंभ 7:00 बजे सायं प्रारंभ हुआ जिसमें व्यास छोटे लाल यादव ने भजन प्रस्तुत किया ।उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना ” करी सुमिरन हो गौरी के लाल से …….” से हुआ । अपने भजनों के माध्यम से कंस,वसुदेव- देवकी, यशोदा -नंद व कृष्ण के वृतान्तों का बड़ा ही मनोहर और सटीक वर्णन किया ।रात्रि 12:00 बजे जब भगवान श्रीकृष्ण इस धरती पर अवतरित हुए तो पूरा का पूरा माहौल भक्तिमय हो गया । सभी श्रोताबंधु और श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो गए । व्यास श्री छोटेलाल यादव ने अपने सोहर “कहवा में जन्मे श्री राम जी ,कहवा में कन्हैया जन्मस हो……… ” से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए, कार्यक्रम देर रात 2:00 बजे तक चला ।सैकड़ों की संख्या में महिला -पुरुष और श्रद्धालु मंदिर में खचाखच भरे हुए थे ।
यूपी: यहाँ लक्ष्मी नारायण मंदिर में अवतरित हुए भगवान श्रीकृष्ण
रिपोर्ट- संवाददाता डॉ ए० के० पाण्डेय