मीडिया में आईं खबरों की मानें तो नीरज लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट बलिया से टिकट मांग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वो सपा पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे, नीरज अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के देहांत के बाद 2007 के उपचुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा था, यह उपचुनाव नीरज शेखर ने लगभग तीन लाख वोटों से जीता था, इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था, पर साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जब देशभर में मोदी लहर चली तो बलिया की यह सीट भी नहीं बची इस सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भरत सिंह ने नीरज शेखर को शिकस्त दी थी, भरत सिंह ने यह चुनाव करीब सवा लाख वोटों से जीता था, आपको बता दें कि 8 जुलाई को ही पूर्व पीएम चंद्रशेखर की 12वीं पुण्यतिथि थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही नीरज शेखर ने यह फैसला लिया है।
यूपी: इस सांसद ने राज्य सभा और समाजवादी पार्टी से दिया इस्तीफा
बलिया (ब्यूरों) पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सांसद नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, गौरतलब है बीते कुछ समय से अखिलेश यादव और नीरज शेखर के बीच टिकट को लेकर तनाव चल रहा था, अगर सूत्रों की मानें तो नीरज शेखर चाहते थे उन्हें बलिया लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी का टिकट मिले लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया जिसके बाद से वो नाराज चल रहें थें, राज्यसभा अध्यक्ष ने नीरज शेखर के इस्तीफा को स्वीकार भी कर लिया है।
मीडिया में आईं खबरों की मानें तो नीरज लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट बलिया से टिकट मांग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वो सपा पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे, नीरज अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के देहांत के बाद 2007 के उपचुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा था, यह उपचुनाव नीरज शेखर ने लगभग तीन लाख वोटों से जीता था, इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था, पर साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जब देशभर में मोदी लहर चली तो बलिया की यह सीट भी नहीं बची इस सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भरत सिंह ने नीरज शेखर को शिकस्त दी थी, भरत सिंह ने यह चुनाव करीब सवा लाख वोटों से जीता था, आपको बता दें कि 8 जुलाई को ही पूर्व पीएम चंद्रशेखर की 12वीं पुण्यतिथि थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही नीरज शेखर ने यह फैसला लिया है।
मीडिया में आईं खबरों की मानें तो नीरज लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट बलिया से टिकट मांग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वो सपा पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे, नीरज अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के देहांत के बाद 2007 के उपचुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा था, यह उपचुनाव नीरज शेखर ने लगभग तीन लाख वोटों से जीता था, इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था, पर साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जब देशभर में मोदी लहर चली तो बलिया की यह सीट भी नहीं बची इस सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भरत सिंह ने नीरज शेखर को शिकस्त दी थी, भरत सिंह ने यह चुनाव करीब सवा लाख वोटों से जीता था, आपको बता दें कि 8 जुलाई को ही पूर्व पीएम चंद्रशेखर की 12वीं पुण्यतिथि थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही नीरज शेखर ने यह फैसला लिया है।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय