बाँसडीह ( बलिया ) सरकार की तमाम योजनाएं शायद कागज तक ही सीमित रह गईं हैं। जब कि बार – बार मुख्यमंत्री का निर्देश आ रहा है। यहाँ तक की जिले के विकास की निगरानी के लिए सरकार ने जिला प्रभारी ऊर्जा मंत्री श्री कांत शर्मा को बनाया है। तो वहीं शासन द्वारा नामित आई ए एस सेंथिल पांडियन सी को बलिया का नोडल अधिकारी बनाया गया है। हालाँकि गत माह सेंथिल पांडियन का दौरा जनपद में काफी असर लाया है। हरेक न्याय पंचायत में एक पशु गौआश्रय बनाये जाने के संबंध में जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक भी संपन्न हुई। बैठक में डीएम ने बताया भी कि पशुओं को रहने के लिए गौआश्रय के अंदर चारों तरफ बाउंड्री होनी चाहिए बाउंड्री को कटीले तार या ईट की दीवार से घिरा जाय जिससे पशु इधर उधर न घूमे और पशुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। गौआश्रय के अंदर शेड की व्यवस्था की जाए जिसमें वर्षा के समय पशुओं को अंदर रखा जाये। पशुओं के गले में रस्सी नहीं बाँधनी है। पशुओं को बड़े एवं छोटे पशुओं को अलग-अलग रखा जाए। गौआश्रय के अंदर बिजली, सोलर पैनल, जल, चारे खाने के लिए नाद, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था की जाए। सरकार की प्राथमिकता के अनुसार गौआश्रय बनाने के लिए प्रयाप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध हैं। गौआश्रय अस्थायी बनना होनी चाहिए। सभी ब्लॉकों के जितने भी न्याय पंचायत है।उन में गौआश्रय बनाना अनिवार्य है। उसका रिपोर्ट तत्काल देने का निर्देश दिया। सभी बीडीओ और ग्राम पंचायत प्रधान को सख्त निर्देश दिया कि आप गौआश्रय को जल्द बनवाये मा0 मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश है। सरकार ने गौआश्रय पर बहुत जोर दे रही है। जनपद में जितने आवारा पशु है। जो किसानों के फसलों को बर्बाद कर रहे है। उसको रखरखाव के लिए गौआश्रय का निर्माण किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति एक बछड़ों को गोद लेता है तो उसको प्रतिमाह रुपये 900 उनके खाते में दिया जाएगा। अगर कोई बछड़ा मर जाता है तो सभी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराई जाएगी। सभी ब्लॉक के बीडीओ एवं ग्राम पंचायत के प्रधान से गौआश्रय के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली। कार्य में लापरवाही पाने पर नराजगी जताई। पशु गौआश्रय की समीक्षा भी की जाएगी। इसका असर कहाँ तक होगा।यह यह देखना होगा या कागज पर ही सिमट केे रह जाएगा। इस बाबत खण्ड विकास अधिकारी भगवान सिंह चौहान ने बताया कि पशु आश्रय गृह के लिए न्याय पंचायत मढ़ियारी में एक जगह चिंहित हुआ है।जगह मिलने पर पशु आश्रय गृह बनाये जाएंगे।
रिपोर्ट- तहसील संवाददाता रविशंकर पाण्डेय
बलिया: जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद भी शायद कागजातों तक ही सीमित है योजनाएं
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