सिकन्दरपुर (बलिया) क्षेत्र के पशु चिकित्सालय सिकन्दरपुर मे डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही का घोर शिकार होता जा रहा है । सरकार पशुपालको के लिए कितनी भी सुविधाएं उपलब्ध करा दे लेकिन कर्मचारियों की समय से उपस्थिति न होने के कारण चिकित्सालय न समय से खुल पाता है और ना ही संचालित हो पाता है, लिहाजा क्षेत्र के पशुपालकों को अपने मवेशियों के इलाज के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है।
पशुपालकों ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर साहब आए दिन चिकित्सालय से नदारद रहते हैं, जब भी पशुपालक अपने पशुओं को लेकर चिकित्सालय आते हैं तो उन्हें मजबूर होकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से ही पशुओं का इलाज कराना पड़ता है। फलत: पशु ठीक होने की बजाय और बीमार पड़ जा रहे हैं। पशुपालकों ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि डॉक्टर साहब प्राइवेट प्रैक्टिस में मशगूल रहते हैं, और इसके एवज में वह मोटी रकम की मांग करते हैं, आपको बता दें कि पूरा का पूरा चिकित्सालय परिसर घोर गंदगी का शिकार हो चुका है, लेकिन इस मुद्दे पर हॉस्पिटल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया, पशुपालकों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए अस्पताल प्रशासन पर ठोस कार्यवाही की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता