सिकंदरपुर (बलिया) एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार गांवों में सभी प्रकार के समुचित विकास के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, पर चंद विभागों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की घोर लापरवाही व लचर कार्यप्रणाली के चलते सरकार की घोषणाओं, उम्मीदों और सरकार के ग्रामीण विकास योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
ताजा मामला तहसील क्षेत्र सिकन्दरपुर के विकास खण्ड नवानगर अंतर्गत ग्राम पंचायत कोथ का हैं, जहां पर गांव के बाहर स्थित शमशान घाट तक पहुंचने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है, जिसको लेकर ग्रामीणों मे घोर आक्रोश व्याप्त हैं।
गांव के निवासी विंध्याचल राजभर, संजय वर्मा, टून्नू गुप्ता, पिन्टू प्रजापति, विजयशंकर शर्मा, चंदगी कनौजिया, नीरज गुप्ता आदि ग्रामीणों ने बताया कि शमशान घाट के रास्ते के लिए गांव के ग्रामीणों ने कई बार ग्रामप्रधान से शिकायत की पर ग्रामप्रधान की तरफ से हमेशा सिर्फ़ आश्वासन ही मिलता रहा लेकिन आज तक रास्ते का निर्माण नहीं हो पाया, ग्रामीणों ने बताया कि कोथ गांव के पूरब हिस्से में पोखरे के पास स्थित शहीद बाबा स्थान और सर-फजले हुसैन प्राथमिक विद्यालय से कुछ दूरी पर शमशान घाट स्थित है, गांव से लेकर प्राथमिक विद्यालय तक तो रास्ता है लेकिन प्राथमिक विद्यालय से आगे शमशान घाट तक जाने के लिए कोई भी रास्ता मौजूद नहीं है, ग्रामीणों का कहना है कि गांव से प्राथमिक विद्यालय तक जो रास्ता है वह भी रास्ता स्कूल की जमीन में है और उक्त रास्ते को प्राथमिक विद्यालय द्वारा करकट से घेर कर बंद दिया गया है, वहीं प्राथमिक विद्यालय प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को कहा जाता है कि कोई भी शव विद्यालय के रास्ते से होकर नहीं जाएगा, जिससे लोगों को अगल बगल से अन्य दूसरे लोगों के खेतों के बीचोंबीच होकर गुजरना पड़ता है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी भवानी सिंह खरांगौत व संबंधित अधिकारियों से इस समस्या का जल्द से जल्द निदान करने की मांग की है, ग्रामीणों ने कहा कि अगर तत्काल शमशान मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई तो इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया जाएगा।
बलिया: एक ऐसा गांव जहां पर नहीं है शमशान घाट तक जाने का कोई रास्ता
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रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय