बलिया (ब्यूरो) आजमगढ़ की मंडलायुक्त कनकलाता त्रिपाठी के बलिया आगमन पर ग्राम मिश्रौली थाना उभांव की रहने वाली मंजू पाठक ने अपने स्वर्गवासी पति अविनाश चंद्र पाठक की हत्या की तहरीर देने के बावजूद थाना उभांव द्वारा नहीं लिखे जाने की शिकायत की । श्रीमती पाठक का आरोप है कि 19 / 20 सितंबर की रात मेरे अध्यापक पति की उनके साथियों द्वारा हत्या कर दी गई और हत्या को आत्महत्या में बदलने के लिए खेत में उनकी लाश को ऐसे पानी में फेंका गया जिसमें आदमी डूब नहीं सकता है बावजूद इसके पुलिस ने इसको आत्महत्या का केस मानते हुए हमारी तहरीर पर आज तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है । मृतक के शरीर पर जाहिरा तौर पर चोट के निशान देखने के बाद भी पोस्टमार्टम में भी कोई चोट का निशान नहीं आना इनकी नजर में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की भी मिलीभगत होने की तरफ इशारा कर रहे हैं, श्रीमती पाठक ने कमिश्नर आजमगढ़ श्रीमती त्रिपाठी से गुहार लगाई है कि मेरे पति के हत्यारों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करके इनको जेल भेजा जाए । घटना के संबंध में बताया जाता है कि स्वर्गीय अविनाश पाठक से इनके मित्र रामप्रकाश यादव ने ₹100,000 एक सप्ताह में वापस करने के नाम पर लिया था और 1 सप्ताह में देने की बात कही थी । जब स्व पाठक ने 1 सप्ताह बाद पैसे की डिमांड की है तो 19 तारीख की शाम को रामप्रकाश यादव यह कह कर अपने साथ ले गया कि चलिए आपका पैसा देते हैं और उसके बाद मेरे पति का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया और सुबह उनकी लाश खेत में पड़ी मिली । इन लोगों का आरोप है कि आरोपी ने जो कि अपराधी किस्म का है अपने साथियों के साथ मिलकर मेरे पति की हत्या की है । श्रीमती पाठक की गुहार सुनने के बाद मंडलायुक्त ने एसओ उभांव को फोन द्वारा एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया । वही जब इस संबंध में एसओ उभांव से वार्ता की गई तो उनका कहना था कि उनकी दरखास्त पर पुलिस अधीक्षक बलिया के निर्देश के अनुक्रम में एफ आई आर दर्ज किया जाएगा, अभी तक पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है
लोगों मे हो रही खुब चर्चा-
लोगों में चर्चा है कि हत्या हो या डकैती या कोई संगीन अपराध जब तक जिले के आला अधिकारी का आदेश नहीं होता तब तक स्थानीय पुलिस नहीं करती कार्रवाई बृहस्पतिवार को कमिश्नर श्रीमती कनक त्रिपाठी ने उभाव एस एच ओ को दूरभाष एवं लिखित आदेश देते हुए कहा कि हत्या की मुकदमा कायम कर पीड़िता को न्याय दिया जाए। मगर उभाव के एस एच ओ ने पीड़ित परिवार से कहा कि पुलिस अधीक्षक के आदेश आने के बाद मुकदमा दर्ज की जाएगी पीड़ित परिवार स्थानीय पुलिस के ढुलमुल नीति को देखकर परेशान है जो क्षेत्र मे चर्चा का विषय बना हुआ है।