रामगढ़ (बलिया) बैरिया तहसील के ग्राम पंचायत बलिहार में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) जगदीश नरायण राजकीय महिला चिकित्सालय 1974 में दर्जनों गांवों के लोगों के लिए बरदान था, क्योकि यहाँ पर प्रसव से लेकर ऑपरेशन तक की व्यवस्था थी । परन्तु पिछले 15 सालों से भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील होकर ध्वस्त हो जाने के कारण अस्पताल की सेवाएँ अवरुद्ध हो गयी।
बताते चलें कि कुछ वर्षो बाद सदर तहसील के ग्राम पंचायत गंगापुर के लिए एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) अस्पताल बनाने की स्वीकृति मिली परन्तु वहाँ के लोगों ने भूमि उपलब्ध नहीं कराया । जिसके बाद उसका बलिहार ग्रामपंचायत मे ही निर्माण हुआ, जिसका भव्य भवन बन कर तैयार हो गया। परन्तु डॉक्टर एवं दवा के अभाव में उपचार की उचित व्यवस्था नहीं है, आज तक वहाँ पर केवल फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय के सहारे लोगों के लिए समान्य सर्दी, खाँसी,बुखार एवं मरहम पट्टी तक की उपचार की व्यवस्था मिल रही है । जबकि जगदीश नारायण राजकीय महिला चिकित्सालय (CHC) बलिहार कभी 25 स्टापो का समूह हुआ करता था। इस गाँव मे अस्पताल होने से आस-पास के लगभग 25-30 गाँवो के लोगों को लाभ होता था ।
इस गाँव से 15 किमी की दूरी पर स्थित अस्पताल सोनबरसा,15 किमी पर स्थित कोटवा अस्पताल 10 कीमी पर स्थित रेवती अस्पताल 12 किमी पर स्थिति सोनवानी अस्पताल जबकि बलिया सदर अस्पताल की दूरी 30 किमी है, इस क्षेत्र के लोग अधिकतर इमर्जेंसी सोनबरसा या बलिया ही इलाज के लिए जाते है, लोगों के कहे अनुसार बलिहार गांव सहित आस पास के गांवों में बरसात के चार महीनों में सर्प दंश या अचानक गम्भीर बीमारी का समय पर इलाज न होने के कारण रास्ते में ही मौत हो जाती है । वर्ष 2016 से अब तक के सर्वे में केवल बलिहार गाँव में अब तक 17 लोगों की साँप काटने से असामयिक मृत्यु हो गई है ।जबकि अन्य रोगों से ग्रस्त लोग भी अस्पताल की दूरी होने के कारण असामयिक मौत को गले लगा रहे है। एक तरह से देखा जाय तो व्यवस्था के नाम पर सभी सुविधाएँ केवल नाम मात्र है । यहाँ तक की डॉक्टर उपलब्ध ना होने की दशा में CHC बलिहार को तत्काल लोगों की सेवा में गंगापुर PHC के भवन में एक फार्मासिस्ट रजनीश कुमार उपाध्याय, एक वार्ड ब्वाय, एक सफाई कर्मी, एक कुक, एक माली, एक आया के सहारे लोगों को समान्य बुखार, सर्दी, जुखाम व पट्टी मलहम का इलाज होता है । इसलिए आस पास के लोग जनरल स्वास्थ परेशानियों के होने पर भी लोग रामगढ़ में स्थित दवाखाना से दवा लेना पसन्द करते है । परन्तु इस निराशा के प्रतिक अस्पताल में जाना पसन्द नहीं करते। न इस पर शासन प्रसासन का ध्यान जाता है ।और ना ही किसी राजनेता, जनप्रतिनिधि का ध्यान जाता है, लोग केवल यहाँ की समस्या मात्र सुनते जरुर है लेकिन इसकी स्थायी व्यवस्था कोई नहीं करता। प्रत्येक वर्ष बरसात प्रारंभ होते ही क्षेत्र में साँपो को लेकर भय सा उत्पन्न हो जाता है कि इस वर्ष किसके घर का चिराग बुझने वाला है ।ऐसा भय यहां के लोगो के मन बसा हुआ है, यहाँ पर मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि इस स्वास्थ केन्द्र पर पानी व शौचालय की व्यवस्था भी ठीक नहीं है।
रिपोर्ट- दीपक ओझा
यूपी: अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है जिला बलिया का ये सीएचसी अस्पताल
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