सिकन्दरपुर (बलिया) प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ गौ आश्रय केंद्रों के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर बछड़ो व गायों के समुचित रखरखाव व भर पेट चारा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, जबकि जमीनी सच्चाई इसके बिल्कुल उलटा है, ताजा मामला तहसील क्षेत्र के गौ आश्रय केंद्र हड़सर का है जहां गौ आश्रय केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों की उदासीनता व घोर लापरवाही से गौ आश्रय केन्द्रों पर बछड़ों के मरने का क्रम बदस्तुर जारी है, ज्ञात हो कि बीते शनिवार को गौ आश्रय केंद्र हड़सर में रखे गये चार बछड़ों की एक साथ हुई मौत ने एक बार फिर से विभागीय उदासीनता व कर्मचारियों की घोर लापरवाही की पोल खोल कर दी है, आदत से मजबूर जिम्मेदार कर्मचारी इन मौतों पर पर्दा डालने की फिराक में है।
योगी सरकार द्वारा लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर अस्थाई गौ आश्रय केंद्रों का निर्माण तो करा दिया गया हैं लेकिन इसमें रहने वाले पशुओं के लिए पर्याप्त चारा का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है, जिससे आए दिन बछड़ों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है, इन केंद्रों पर तैनात कर्मचारी पशुओं के चारें के पैसा का बंदरबांट करने में जुटे रहते हैं, वहीं अभी तक गौ आश्रय केंद्र के बछड़ों की मौत के मामले मे कोई भी जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गौ आश्रय पर सिर्फ तीन ही सफाई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है लेकिन एक भी सफाई कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं रहतें जिसकों लेकर ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय