सिकंदरपुर (बलिया) सरकार द्वारा आयें दिन जनकल्याण के दृष्टिगत तमाम नियम व कानून बनाए जाते हैं, पर सरकार के ही अन्य विभागों द्वारा उन नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जाती हैं, विदित हो कि जेसीबी मशीन से खुदाई को लेकर सरकार द्वारा बहुत सारे नियम बनाए गये हैं और लगातार कड़े प्रावधान भी बनायें जा रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं विभागीय लोगों व ठेकेदारों की मिलीभगत से इन सरकारी नियमों को ताक पर रखकर जेसीबी मशीन का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
ताजा मामला है सिकंदरपुर बस स्टेशन चौराहे से थाना मार्ग की तरफ जाने वाली नहर व बस स्टैंड चौराहे से बालुपुर मार्ग की तरफ गुरुवार की देर शाम रात के अंधेरे में नहर विभाग व संबंधित ठेकेदार द्वारा जेसीबी से नहर की सफाई कराई जा रही थी, वही नहर का सारा कचरा निकाल कर नहर किनारे लोगों के घरों के सामने रख दिया गया है, जिससे बहुत ज्यादा दुर्गंध फैल रही है जिसको लेकर स्थानीय लोगों में बड़े पैमाने पर आक्रोश व्याप्त है, विभागीय ठेकेदारों की मनमानी के चलते रात के अंधेरे में जल्दी-जल्दी किसी तरीके से सफाई के नाम पर लीपापोती व खानापूर्ति कर अपनी जेब भरने का काम किया जा रहा है जिसको लेकर लोगों में जबरदस्त उबाल भी है।
बताते चलें कि सरकार ने जो काम मजदूरों के माध्यम से कराए जाने वाले हैं उन पर उन कामों को जेसीबी से कराने पर पूर्णता रोक लगा दिया है, बावजूद इसके भी नहर की सफाई रात के अंधेरे में जेसीबी से कराई जा रही है, यह सब किसके आदेश व इशारे पर हो रहा हैं, यह खुद अपने आप मे एक बड़ा सवाल है।
वही इस बारे में जब उपजिलाधिकारी सिकन्दरपुर अन्नपूर्णा गर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसी भी नहर की सफाई जेसीबी मशीन से नहीं कराया जा सकता, यह कार्य सिर्फ़ मनरेगा के तहत ही होना था, पर अचानक रात के अंधेरे में नहर की सफाई जेसीबी मशीन से की गई हैं, यह मामला प्रकाश मे आया हैं, मैं खुद इस मामले को देख रही हूं जल्द ही जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी से की अपील-
जेसीबी मशीन द्वारा नहर की सफाई गुरुवार की देर शाम कराए जाने के बाद नहर से निकले कूड़ा कचरा व गंदगी के दुर्गंध से नहर मार्ग पर बसे परिवारों का जीना दूभर हो गया है लोगों का कहना है कि नहर की सफाई के नाम पर नहर का कचरा निकाल कर नहर के किनारे रख दिया गया है जिससे बहुत ज्यादा दुर्गंध फैल रही है।
बालूपुर रोड निवासी राजीव चौधरी ने बताया कि सरकार स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं सरकार के ही अन्य विभागों द्वारा जमकर गंदगी फैलाई जा रही है, लोगों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द नहर से निकले इस कचरे को यहां से हटाया जाए ताकि लोग खुली हवा मे शुद्ध सास ले सकें।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता
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