सिकन्दरपुर (बलिया) फूलों की नगरी कहे जाने वाले सिकंदरपुर नगर में बुधवार की शाम गंगा जमुनी तहजीब का बहुत ही अनूठा नजारा देखने को मिला जब हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदायों के धर्मगुरु एक छत के नीचे मिले, मौका था हजरत चन्दन पीर साहब के सालाना उर्सपाक का, इस मौके पर काफी संख्या में अकीदतमंदों ने दरगाह के मैदान स्थित उनके मज़ार पर अपनी हाज़िरी देते हुए चादरपोशी किया, इस दौरान अकीदतमंदों ने समाज में शान्ति की दुआ मांगते हुये फातिया भी पढ़ा, इस दौरान उर्स में महिला अकीदतमंदों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
विदित हो कि उर्स का आगाज़ बुधवार को सुबह कुरानखानी के साथ हुआ, उसके बाद अकीदतमंदों द्वारा मज़ार पर हाजिरी देकर चादरपोशी व फातेहा पढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह रात्रि 9 बजे तक चलता रहा, इस दौरान अद्वैत सिद्धान्त के प्रतिपादक व अद्वैत शिवशक्ति परमधाम डूहां के संस्थापक स्वामी ईश्वरदास ब्रम्हचारी की तरफ से आये संतो द्वारा भी मजार पर चादरपोशी किया गया, यह चादरपोशी चितसुखा नन्द के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के रूप में आये उनके शिष्यों द्वारा की गई, जिनमें गोरखदास, नवतेज ब्रम्हचारी व राम अखण्ड दास आदि संत शामिल थे।
इस दौरान वुधवार की रात में परम्परा अनुसार जुलूस निकालने व दरगाह शाह वली क़ादरी की तरफ से चादरपोशी के बाद उर्स खत्म हुआ, जुलूस व चादरपोशी में प्रमुख रूप से सैयद सेराज अजमली व डॉ सैयद मिन्हाजुद्दीन अजमली मौजूद रहें।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता
यूपी: फूलों की नगरी कहें जाने इस नगर में दिखा गंगा जमुनी तहजीब का अनूठा नजारा
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