बलिया (ब्यूरों) जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में शराब पैक पर अंकित मूल्य से अधिक दाम पर बेची जा रही है। विडंबना यह है कि लोग इस क्रम में आर्थिक शोषण का धड़ल्ले से शिकार हो रहे हैं फिर भी इसकी शिकायत करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में पुलिस करे तो क्या… ।
जानकर बताते हैं कि लीगल मेट्रोलाजी अधिनियम 2009 की धारा 36 बताती है कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी प्री-पैक्ड वस्तु को उस कीमत पर बेचते या वितरित करते पाया जाता है जो कि पैकेज पर अंकित घोषणाओं के अनुरूप नहीं है, उसे दंड दिया जा सकता है। उस पर पहले अपराध के रूप में 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं ऐसा अपराध दूसरी बार करने पर यह जुर्माना राशि 50,000 तक जा सकती है। इसके अलावा बार-बार इस तरह का कार्य करने पर एक लाख तक का जुर्माना या फिर जेल का प्रावधान या फिर दोनों तरह के दंड दिए जा सकते हैं। एक तो इस तथ्य से सभी अवगत नहीं और अगर हैं भी तो संबंधित दुकानदार से कोई पूछ नहीं पाता कि ऐसा क्यों हो रहा है। अब तो मिलावटी शराब की भी बिक्री धड़ल्ले से होने लगी है।
विडंबना यह भी खाद्य पदार्थों में भी मिलावट जमकर हो रही है और लोग बिल्ली के गले में पहले घंटी बांधे कौन वाली कहावत को ही चरितार्थ कर रहे हैं।
रिपोर्ट- दीपक ओझा