सिकन्दरपुर (बलिया) नगर एवं आसपास के समूचे क्षेत्रों में कान्वेंट स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा के नाम पर बच्चों के अभिभावकों का जमकर आर्थिक शोषण हो रहा है, नगर सहित क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा गली मोहल्ला होगा जहां पर कोई कन्वेंट या पब्लिक स्कूल न हो, ऐसे स्कूलों में एडमिशन फीस, टाई, बेल्ट, यूनिफॉर्म, कॉपी, किताब, बिल्डिंग, वाहन, एनुअल फंक्शन के नाम पर छात्र व छात्राओं के अभिवावकों से भारी-भरकम धन वसूला जाता है, जिससे गरीब एवं स्थानीय श्रेणी के आम लोगों पर दिनों दिन कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है, वहीं दूसरी तरफ विद्यालय संचालकों की चांदी कट रही है।
क्षेत्र मे बहुत से स्कूल ऐसे हैं जिनकी मान्यता भी नहीं हैं पर विभागीय साठगांठ के चलते ऐसे स्कूलों का संचालन धड़ल्ले से चल रहा हैं और संबंधित विभाग इन स्कूल संचालकों पर लगाम लगाने में पूरी तरह से असफल है, सरकार द्वारा आदेश जारी करने के बाद भी इन कान्वेंट स्कूलों में 25% गरीब बच्चों के लिए आरक्षित सीटें भी नहीं मिलती है, अगर इन स्कूलों के वाहनों की बात करें तो वाहन सुविधा के नाम पर अभिभावकों का लगातार आर्थिक शोषण होता रहता है, ऊपर से बच्चों के जान का जोखिम अलग से, क्योंकि प्रायः देखने को मिलता है कि निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों को ऐसे ठूस ठूस कर भरा जाता है जैसे सड़कों पर डग्गामार वाहन सवारियों को भरते हैं, बात इतने पर ही खत्म नहीं होती ऐसे वाहनों में नौसिखिया चालक जिनके पास शायद ही ड्राइवरी लाइसेंस और अनुभव हो ऐसा भी नहीं होता, ऐसे ड्राइवरों के हवाले इन बच्चों की जिम्मेदारी दे दी जाती है, घरों तक पहुंचाने और स्कूल ले आने और ले जाने की।
अगर समय रहते सरकार द्वारा इस बारे में कड़े कदम नहीं उठाए गए तो ऐसे ही अभिभावकों का ऐसे ही शोषण होता रहेगा और स्कूली बच्चों की जान हमेशा दाव पर लगी रहेगी।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता
बलिया: अंग्रेजी शिक्षा के नाम पर बच्चों के अभिभावकों का जमकर हो रहा आर्थिक शोषण, विद्यालय संचालकों की खूब कट रहीं चांदी
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