बलिया (ब्यूरो) जनपद के बैरिया थानांतर्गत भोजापुर गांव में मकर संक्रांति को देर रात जहरीली खिचड़ी खाने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। वहीं तीन युवतियों की हालत सदर अस्पताल में अभी भी गंभीर बनी हुई है।
बुधवार को मकर संक्रांति की रात आरपीएफ के रिटायर्ड जवान केदार पांडेय (70) के घर परंपरा के अनुसार खिचड़ी बनी थी। रात लगभग आठ बजे खिचड़ी खाने के बाद केदार पांडेय निकट के अपने डेरा पर सोने चले गए। देर रात अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। उल्टी- दस्त के साथ उनके पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। उनके चिल्लाने पर पड़ोसियों ने उनके पुत्र सुनील पांडेय को सूचना दी।
सुनील पांडेय उस समय खिचड़ी खा रहे थे। खिचड़ी खाकर अपने पिता को लेकर वह सोनबरसा पहुंचे, जहां के चिकित्सकों ने उन्हें सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। गांव के कुछ लोगों के साथ वह अपने पिता को लेकर बलिया के लिए चले कि हल्दी जाते-जाते सुनील पांडेय(45) की भी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों ने दोनों लोगों को इलाज के लिए बलिया के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया। इस बीच पता चला कि सुनील पांडेय की तीन बेटियां निक्की(20), निधि(16) और नीति(13) की भी तबीयत खिचड़ी खाकर बिगड़ने लगी है। आसपास के लोगों ने आनन-फानन में तीनों को सोनबरसा अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें चिकित्सकों ने सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन परिवार वाले तीनों को उसी नर्सिंग होम में भर्ती कराए जहां केदार पांडेय व सुनील पांडेय को भर्ती कराया गया था। बताते हैं कि रात लगभग 12 बजे केदार पांडेय की मौत हो गई। जबकि गुरुवार को भोर में करीब चार बजे केदार पांडेय के पुत्र सपा नेता सुनील पांडेय ने भी दम तोड़ दिया। दोनों का शव लेकर ग्रामीण सुबह लगभग आठ बजे गांव चले गए।सुनील पांडेय की तीनों बेटियों की हालत में सुधार होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन जैसे ही वे गांव पहुंचीं, निधि की हालत फिर खराब हो गई और उसे फिर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अलग रहने से बच गया भाइयों का परिवार-
मृतक सुनील पांडेय सपा के सेक्टर संयोजक थे और 2000 से 2005 तक भोजापुर के उप प्रधान भी रहे। इनके दो छोटे भाइयों में संतोष पांडेय किसी कंपनी में नौकरी करते हैं जबकि उससे छोटे पिंटू पांडेय आरपीएफ में वाराणसी में तैनात हैं। दोनों भाई अपना परिवार अपने साथ ही रखते हैं। इसलिए इस हादसे से इन लोगों का परिवार बच गया।
नहीं खुल पाया खिचड़ी के जहरीला होने का राज-
जिस खिचड़ी को खाने से पिता-पुत्र की मौत हो गई, तीन बेटियां बीमार हो गई उस खिचड़ी का अवशेष घर में कोई और न खा ले या कोई जानवर न खा ले, इसलिए गांव के लोगों ने उसे गड्ढे में दबा दिया। फलस्वरूप खिचड़ी कैसे जहरीली हो गई थी, इसका पता लगा पाना काफी कठिन हो गया है। सुनील पांडेय की पत्नी व मां का रोते-रोते बुरा हाल है। दोनों रह-रह कर बेहोश हो जा रही थीं। इस हादसे के बाद केदार पांडेय का परिवार टूट गया है। घटनना के बाद पूरा गांव सकते में है। वहीं दो मौतों को लेकर तरह-तरह की चर्चा व्याप्त है। सुनील पांडेय की तीन बेटियां निक्की बीए तृतीय वर्ष, निधि बीए प्रथम वर्ष व नीति आठवीं कक्षा की छात्रा है। सुनील का बेटा वीरू पांडेय(22) दिल्ली में रहकर पढ़ाई करता है। सुनील पांडेय की पत्नी बेबी ने खाना नहीं खाया था, इसलिए वह बीमार नहीं पड़ी, जबकि सुनील पांडेय की मां गुजरावती देवी बलिया गई हुई थीं, इसलिए खिचड़ी खाने से बच गई। खिचड़ी कैसे विषाक्त हो गई, इसको लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा है।
रिपोर्ट- संवाददाता डॉ अभिषेक पाण्डेय