किसी क्षेत्र के विकास के लिए कनेक्टिविटी बहुत मायने रखती है लेकिन इतने बड़े प्रदेश के बड़े शहरों को (आगर-लखनऊ एक्सप्रेस वे को छोड़कर) एक्सप्रेस-वे के जरिए आपस में जोड़ने की बड़ी एवं महात्वाकांक्षी पहल अब तक नहीं हुई थी। योगी आदित्यनाथ ने शहरों को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने एवं विकास को तीव्र गति देने की पहल की। योगी सरकार ने देश के सबसे बड़े पू्र्वांचल एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू किया। मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे को बढ़ाकर वाराणसी तक ले जाया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू होने जा रहा है। लखनऊ के बाद कानपुर में मेट्रो परियोजना पर काम शुरू हो गया है। आने वाले समय में गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी और आगरा में मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। योगी सरकार प्रदेश के शहरों को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने का भी काम तेजी के साथ कर रही है। अब राज्य में एयरपोर्ट की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। जेवर और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास तेजी से चल रहा है।
सांस्कृतिक रूप से धनी एवं पर्यटन की असीम संभावनाएं रखने वाला यह राज्य अभी तक अपनी विरासत को संवार नहीं पाया था। योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही सांस्कृतिक उत्थान एवं पर्यटन के विकास को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया। योगी सरकार के प्रयासों से बीते तीन सालों में पर्यटन क्षेत्र का तेजी के साथ विकास हुआ है। प्रयागराज में करीब 25 करोड़ से अधिक लोग कुंभ में आए। इस बार दीपावली के मौके पर अयोध्या में 3.31 लाख दीप प्रज्ज्वलित हुए जो कि विश्व रिकॉर्ड भी बना। इसी तरह मथुरा में कृष्णोत्सव एवं रंगोत्सव के आयोजनों ने सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती दी। प्रदेश के सभी जिलों की अपनी एक खासियत है। जिलों के उत्पादों को एक पहचान एवं अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट नाम से योजना शुरू की। इससे जिले के विशिष्ट उत्पादों को बाजार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। यह योजना खासकर ग्रामीण समाज के हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने में काफी हद तक सहायक सिद्ध हुई है।
मार्च 2017 में सूबे की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती राज्य में कानून का राज स्थापित करने की थी। योगी आदित्यनाथ को यह बात अच्छी तरह से पता थी कि उत्तर प्रदेश के माहौल को सुधारे बिना राज्य को विकास के रास्ते पर नहीं ले जाया जा सकता। राज्य में अपराधियों, बदमाशों एवं असमाजिक तत्वों का भय समाप्त करने और कानून का राज स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने सख्त फैसले लिए। योगी सरकार की सख्त नीतियों के चलते करीब 16 हजार अपराधी जमानत निरस्त कराकर वापस जेल में चले गए। बीते ढाई वर्षों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 94 अपराधी मारे गए और 10098 अपराधी गिरफ्तार हुए। पुलिस की इस कार्रवाई में 742 पुलिसकर्मी घायल हुए और पांच पुलिसकर्मी शहीद हुए। राज्य सरकार ने भू-माफियाओं एवं अपरधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी करीब एक अरब से ज्यादा की संपत्ति जब्त की। प्रदेश के हर जिले में एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन से मनचलों की इरादों पर नकेल कसी गई। सरकार के इस कदम से महिलाओं ने काफी राहत महसूस की।
उत्तर प्रदेश कृषि आधारित समाज है और कृषि राज्य की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। किसानों के ऋण संकट से उबारने के लिए योगी सरकार सत्ता में आते ही 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का 36,000 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया। साथ ही 73 हजार करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान कराया। किसानों से उनके फसलों की खरीद के लिए नई खरीद नीति लागू की गई और इसके जरिए 50 लाख से अधिक किसानों का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया। साथ ही गेहूं और धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई। योगी सरकार ने सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से सीधे किसानों से 126 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 101 लाख मीट्रिक टन धान का रिकॉर्ड खरीद की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से राज्य के 2 करोड़ 33 लाख किसान परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। यही नहीं, राज्य में किसानों को चार करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड और 71 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए हैं। पिछले ढाई वर्षों में 1 लाख 54 हजार 577 करोड़ रुपए का फसल ऋण वितरित किया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य में शिक्षा एवं स्वास्थ्य को एक नई दिशा दी है। सरकार ने पिछले तीन साल के अपने कार्यकाल में इन दोनों क्षेत्रों में बड़े कदम उठाए हैं और इस बदलाव को महसूस किया जा रहा है। स्कूल चलो अभियान के तहत इस साल 1.80 करोड़ बच्चों का नामांकन हुआ है जबकि 15000 प्राथमिक विद्यालयों एवं 1000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया है। साथ ही कक्षा 1 से आठ तक के सभी बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर, जूता, ड्रेस एवं मोजा दिया जा रहा है। सरकार बालिकाओं को ग्रेजुएट स्तर तक की शिक्षा मुफ्त दे रही है। सरकार ने गुणवत्तापरक शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूलों (मदरसों) में एनसीआरटी की पुस्तकें लागू की हैं। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए साल 2018 में 45 हजार से ज्यादा शिक्षकों का चयन किया गया।