बलिया (ब्यूरो) सीओ सदर चंद्रकेश सिंह ने इस महामारी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि महामारी रोग क़ानून के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार कोरोना या अन्य महामारी के लक्षण मिलने के बाद भी कोई व्यक्ति अगर इसे छिपाता है तो इसे क़ानून का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मुक़दमा चलाया जा सकता है।
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उन्होंने विस्तार से बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188 कहती है कि जो कोई जान बूझकर इंसान के जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षा को क्षति पहुंचाता है, तो उसे अधिकतम छह महीने की जेल की सज़ा और 1,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति अस्पताल जाने से इन्कार करते हैं या सभी से अलग रहने से इन्कार करते हैं तो महामारी रोग क़ानून की धारा तीन के तहत अधिकारी व्यक्ति को जबरन अस्पताल में भर्ती करा सकते हैं। उन्हें 14 दिनों के लिए या फिर उनकी जाँच रिपोर्ट नॉर्मल आने तक दूसरों से अलग रहने के लिए बाध्य कर सकते हैं।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय