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बलिया (ब्यूरो) जनपद के मनियर नगर पंचायत मे अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात मणि मंजरी राय की आत्महत्या मामले में मृतका के भाई विजयानंद राय पुत्र जयठाकुर राय ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक जिलाधिकारी हरिप्रताप शाही को सौंपा। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। गाजीपुर के कनुआन भांवरकोल निवासी विजयानंद राय ने पत्रक में कहा कि उनकी बहन मणि मंजरी राय नगर पंचायत मनियर में अधिशासी अधिकारी पद पर तैनात थीं। आरोप लगाया है कि नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता अवैधानिक कार्यों को कराने के लिए मेरी बहन पर अनावश्यक दबाव बनाते थे।
जब मेरी बहन ने सही कार्य करने की बात कही तो अध्यक्ष नाराज होकर चले गए। अध्यक्ष के कहने पर वर्तमान ईओ सिकंदरपुर व तत्कालीन ईओ मनियर संजय राय तथा टैक्स लिपिक विनोद सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश एवं मेरी बहन का चालक चंदन वर्मा ने षड़यंत्र कर फर्जी कार्यों को कराने के लिए कहा गया। प्रलोभन देने का प्रयास किया गया। बात न मानने पर जानमाल की धमकी देते थे। इसके बाद भी बहन ने फर्जी कार्य कराने से इंकार कर दिया था। पत्रक में कहा है कि यह साजिश वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-2020 में लगातार करते रहे। इसके बाद 2019-2020 में इन सभी ने मिलीभगत करते हुए सिकंदरपुर ईओ संजय राय से नगर पंचायत मनियर के लिए लाखों रुपये का डिमांड पत्र बनाया गया, जिस पर मणि मंजरी के फर्जी हस्ताक्षर कर नगर विकास मंत्रालय को भेजा।
इसका मणि मंजरी ने विरोध किया। इसके अलावा मणि मंजरी राय से चेयरमैन द्वारा बोर्ड प्रस्ताव की प्रत्याशा में दो करोड़ का 35 कार्यों का टेंडर फरवरी में आमंत्रित कराया गया था। बोर्ड प्रस्ताव न आने के कारण टेंडर नहीं कराया गया। इसके बाद चेयरमैन ने बिना टेंडर कराए ही फर्जी तरीके से 35 कार्यों की पत्रावली बनाकर कार्य कराने के लिए आदेश देने के लिए बहन पर दबाव बनाया। इसमें से 18 कार्य एक ही ठेकेदार को दिया गए। जिसकी शिकायत मणि ने ने अपर जिलाधिकारी से की थी। भाई का आरोप है कि मणि मंजरी मुझे, पिता समेत परिवार के अन्य सदस्यों तथा मामा अजीत मिश्रा को सभी बातें बताती थी। आरोप लगाया है कि इन सभी लोगों के लगातार दबाव के कारण मेरी बहन ने छह जुलाई को आत्महत्या के लिए विवश हुई।
जब मैं अपने पिताजी और अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि मेरी बहन की बालकनी का दरवाजा खुला था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे उसकी बहन की हत्या कर दी गई हो। कहा कि मामले में कोतवाली में धारा 306 भदंवि के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया, जबकि हमने सभी लोगों के खिलाफ साजिशन हत्या करने की सूचना दी थी। एफआईआर के अवलोकन से धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादंवि का अपराध बनता है। जिसे पुलिस द्वारा नहीं लिखकर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाया गया। इसलिए प्रकरण की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच कराने के लिए सीबीआई को पत्रक भेजकर जांच की गुहार लगाई है।