“शिविर में तीन ब्लाक एवं आठ पंचायतों के किसान प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग, सहकारी खेती को बढ़ावा देना, कृषि कच्चे उत्पादों के सहारे लघु एवं सूक्ष्म उद्योग चलाने पर किसानों के बीच हुई चर्चा”
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रतसर (बलिया) किसान फोर्स बलिया, यूपी द्वारा आयोजित एक दिवसीय शिविर में तीन ब्लाक एवं आठ पंचायतों के किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्राथमिक विद्यालय पृथ्वीबाँध पर आयोजित कार्यक्रम में सहकारी खेती को बढ़ावा देना तथा कृषि कच्चे उत्पादों के सहारे लघु एवम सूक्ष्म उद्योग चलाने पर किसानों के बीच चर्चा हुई। शिविर में चर्चा के दौरान यह बात सामने आयी कि सरकार किसानों को कर्जदार न बनाए, बल्कि उनके श्रम के मूल्य को कृषि कार्य में आने वाले जुताई, बुआई, सिंचाई, खाद- दवा के छिड़काव पर आने वाले खर्च में शामिल करे। स्वामीनाथन आयोग की इस रिपोर्ट को 2004 से ही सरकारों ने ठंडे वस्ते में डाल रखा हैं। शिविर में यह निर्णय लिया गया कि पूर्वांचल के किसान भी अब हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठ सकते। उन्होंने शपथ लिया कि कृषि एवं पशुपालन से जुड़े मजदूर किसानों की एक समूह होगा जो सैनिक की भाँति अनुशासन में रहते हुए सरकारी तंत्र को झकझोर कर रख देगा। किसान को- आपरेटिव के माध्यम से सरकारी योजनाओ को धरातल पर लाने के लिए बाध्य करेगा। कृषि को लघु-सूक्ष्म उद्योगों से जोड़कर बिचौलिओं से किनारा करेगा। शिविर को संबोधित करने वालों में ए० के० सिंह, मन्नू यादव, जयकिशन, मुरली मनोहर, अजीत सिंह, जय मंगल व छोटेलाल यादव मुख्य रूप से शामिल थे। इस दौरान फौजदार एवं परशुराम ने लोकगीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के बीच स्कूल कैंपस की श्रम दान से सफाई भी हुई तथा वृक्षारोपण कर किसान फोर्स ने पीटी परेड की झाँकी निकाली एवं जय किसान, जय जवान जैसे नारों का जय घोष भी किया।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय