“पुरखों के त्याग एवं बलिदान के बदौलत मिला है पहचान, उस पहचान को बरकरार रखने के लिए आज जरूरत है कि क्षत्रिय संगठित होकर आने वाली चुनौतियों का करें सामना”
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हनुमानगंज (बलिया, उत्तर प्रदेश) क्षत्रिय किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उसकी पहचान उसके पुरखों के त्याग एवं बलिदान के बदौलत मिला है। उस पहचान को बरकरार रखने के लिए आज जरूरत है कि क्षत्रिय संगठित होकर आने वाली चुनौतियों का सामना करें। उक्त बातें क्षत्रिय भारत महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री अनिल सिंह ने मिड्ढा बलिया में क्षत्रिय भारत महासभा के परिचायक बैठक में हनुमानगंज ब्लाक के युवा अध्यक्ष राहुल सिंह के आवास पर रविवार को शायं काल कही। उन्होंने कहा कि क्षत्रियों की संख्या उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमांचल, उत्तराखंड सहित आदि क्षेत्रों में कम नहीं है। अगर क्षत्रिय समाज एकजुट हो जाय तो सत्ता में अहम भागीदारी अदा कर सकती है। आपसी फूट का फायदा कई राजनीतिक पार्टियां उठा तो रही है लेकिन लाभ के समय क्षत्रिय समाज को बंचित कर दे रही है। बैठक को प्रमुख रूप से प्रदेश सचिव आनंद सिंह, जिला संरक्षक जयंत सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बलिया मोहन सिंह, जिला मंत्री रजनीकांत सिंह, वीरेंद्र सिंह, वेद प्रकाश सिंह, राज नारायण सिंह उर्फ चुन्नू, प्रमोद सिंह, सोनू सिंह, उपेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, विशाल सिंह, प्रवीण सिंह काकुंडी प्रधान प्रतिनिधि मिड्ढा ने संबोधित किया। इस दौरान अविनाश सिंह, कमलेश सिंह, कन्हैया सिंह, प्रेम सिंह, दुष्यंत सिंह, दरोगा सिंह, राजीव सिंह, मनोज सिंह, संतोष सिंह, अभय सिंह, विनय सिंह, राजेंद्र सिंह, कृपाशंकर सिंह, सहित आदि लोग मौजूद रहें। अध्यक्षता हनुमानगंज ब्लाक के अध्यक्ष जवाहर सिंह एवं संचालन वरिष्ठ जिला महामंत्री नागेश सिंह ने किया।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय