“प्राथमिक विद्यालय उससा को देख आप को यही लगेगा कि यह हैं कोई महंगा इंग्लिश मीडियम स्कूल, लेकिन ऐसा नहीं है जनाब यह हैं एक सरकारी स्कूल”
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। आज हम आपको एक ऐसे प्राथमिक विद्यालय से परिचय कराएंगे जिसे देख और सुन आपके बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए झट से ही स्कूल पहुंच जाएंगे। जी हम बात कर रहे हैं सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम सभा पूर के उससा में स्थित प्राथमिक विद्यालय उससा की जिसे देख आप को यही लगेगा कि यह कोई महंगा इंग्लिश मीडियम स्कूल है। लेकिन ऐसा नहीं है यह एक सरकारी स्कूल है। जिसमें आज के आधुनिक लोग अपने बच्चे को पढ़ाना तो दूर इस सरकारी आ की तरफ देखना पसंद नहीं करते। वह महंगी शिक्षा की तरफ भागते हैं। वही इस विद्यालय के कर्मठ व समाज में कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वालें प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार ने अपने सहायक अध्यापकों के सहयोग से साथ अपने विद्यालय के बच्चे को इस योग्य बनाया कि जिसकी जितनी सराहना की जाए शायद वह कम होगा। कोविड-19 के काल में जहां विद्यालय महीनों बंद पड़े रहे वहीं इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए चिंतित रहते रहे। जितना एक अभिभावक अपने बच्चे के लिए चिंतित रहता हैं। वही लंबे समय बाद विद्यालय कोविड-19 नियमों का अनुपालन करते हुए सुचारू रूप से शुरू हुआ। विद्यालय में बच्चों का स्वागत फुल व तालियों से किया गया। कभी विद्यालय में बच्चे देखने को नहीं मिलते थे। आज विद्यालय में बच्चों की संख्या हजार पहुंचने वाली है। गांव के ही युवा समाजसेवी प्रमोद कुमार वर्मा बताते हैं कि प्रधानाध्यापक की अनोखी पहल अन्य सरकारी स्कूलों को भविष्य के लिए नई दिशा प्रदान करेगी। बताया कि इन सब कार्यों के लिए इस क्षेत्र की जनता व अभिभावक गण विद्यालय के अध्यापको एवं अध्यापिकाओ का महत्वपूर्ण योगदान रहां हैं।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता