“उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए बज चुका है बिगुल, पिछले दिनों शासन की तरफ से जारी कर दी गई हैं पंचायतों में आरक्षण की सूची”
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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। ग्राम पंचायत चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। पिछले दिलों शासन की तरफ से पंचायतों में आरक्षण की सूची जारी कर दी गई। अब यह तय हो गया है कि किस ग्राम पंचायत सीट से किसी वर्ग के उम्मीदवार भाग्य आजमाएंगे। हालांकि अभी आरक्षण सूची को लेकर आपत्तियां दर्ज करवाने का समय है और 15 मार्च को अंतिम सूची जारी की जाएगी। अब संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे अहम पद ग्राम प्रधान का होता है। हर एक ग्राम पंचायत में एक प्रधान चुने जाते हैं। प्रधान का पद काफी अहम होता है। वह अपने पंचायत के विकास और अन्य तमाम कार्यों को लिए जिम्मेवार होते हैं। शासन की ओर से सीधे पंचायत को जो पैसा भेजा जाता है उसे प्रधान के दस्तखत से ही खर्च किया जाता है। ऐसे में ग्राम प्रधान बनने के लिए शासन की ओर से कुछ अनिवार्य योग्यताओं और शर्तें तय की गई हैं। आइए जानते हैं इन शर्तों और नियमों के बारें में…
प्रधान बनने के लिए जरूरी योग्यता-
उम्मीदवार की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए. वैसे भारत में वोट डालने के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। उम्मीदवार की मानसिक स्थिति ठीक होनी चाहिए। उम्मीदवार के किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के सजायाफ्ता नहीं होना चाहिए।
प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज-
उपरोक्त योग्यता के अलावे उम्मीदवार को प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय ये दस्तावेज भी देने होंगे। इन दस्तावेजों के अभाव में उक्त व्यक्ति की नामांकन रद्द हो सकता है।
प्रत्याशी नहीं होना चाहिए बकायेदार-
इसमें पहली शर्त यह है कि उम्मीदवार किसी सहकारी समिति या बैंक का बकायेदार है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। चुनाव लड़ने से पहले उसे किश्त जमा कर वित्तीय संस्था से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना चाहिए।
शैक्षणिक योग्यताएं-
देश के कई राज्यों में पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की जरूरत है। लेकिन उत्तर प्रदेश में शासन ने अभी तक पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता तय नहीं की है। ऐसे में उम्मीदवार बनने के लिए आपको कोई शैक्षणिक सर्टिफेकेट नहीं देना होगा.
चुनावी प्रक्रिया-
उत्तर प्रदेश में हर पांच साल पर ग्राम पंचायत चुनाव करवाए जाते हैं। इन चुनावों के माध्यम से ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लॉक पंचायत सदस्या और ब्लॉक प्रमुख चुने जाते हैं। राज्य शासन से चुनाव की मंजूरी मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करता है। इस साल प्रदेश में अप्रैल में चुनाव करवाए जाने की उम्मीद है। मार्च के अंतिम सप्ताह तक आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। इसके बाद आयोग द्वारा तय की गई तारीख के भीतर उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करना होता है।
रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क