“कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस के काफी मामले आ रहें है सामने, ऐसे में युवा समाजसेवी व डॉ आशुतोष का कहना हैं कि मुंह की साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखने की हैं जरूरत, ओरल क्लीनिंग से आप इस तरह के किसी इंफेक्शन से कर सकते हैं बचाव”
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कोरोना वायरस के मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी के साथ अपने पांव पसार रहा हैं। ऐसे में ब्लैक फंगस के संक्रमण से बचाव को लेकर “खबरें आजतक Live” की टीम ने उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद स्थित सिकंदरपुर नगर के युवा समाजसेवी डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता से ब्लैक फंगस संक्रमण के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता ने ब्लैक फंगस संक्रमण के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में कोरोना महामारी के साथ ही अब ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और येलो फंगस से जुड़े केस सामने आने के बाद लोगों का डर बढ़ गया है। ब्लैक फंगस के कई खतरनाक मामले सामने आ चुके हैं। म्यूकरमाइकोसिस जिसे ब्लैक फंगस कहते हैं। कोरोना के मरीजों में यह ज्यादा देखने को मिल रहा है। कहा कि जिन कोविड मरीजों को ज्यादा स्टेरॉयड दिए गए हैं या जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें इसका ज्यादा खतरा है। डॉ आशुतोष ने कहा कि, ब्लैक फंगस चेहरे, संक्रमित नाक, आंख के ऑरबिट या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
यह फेफड़ों में भी फैल सकता है। बताया कि अगर आप लंबे समय से अस्पताल में एडमिट हैं, ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे हैं तो खराब हाइजीन की वजह से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाता तो ये काफी गंभीर हो जाती है। डॉ आशुतोष गुप्ता का कहना है कि फंगस के मामले उन लोगों में ज्यादा सामने आ रहे हैं जिन्हें पहले से किसी न किसी तरह की बीमारी है। ऐसे लोगों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। इसके अलावा कोविड में दी जाने वाली दवाएं भी ब्लड में शुगर बढ़ा सकती हैं, जिससे फंगस के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। हालांकि कुछ घरेलू टिप्स अपनाकर आप ब्लैक फंगस के खतरे को कम कर सकते हैं। डॉ आशुतोष का कहना है कि कुछ ऐसे दंत स्वच्छता के नियम हैं जिन्हें फॉलो करने से ब्लैक फंगस और दूसरे वायरल और फंगल इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है। बताया कि दिन में दो से तीन बार ब्रश करें। सुबह शाम खाने के बाद गरारे करें, एंटीफंगल मॉउथ स्प्रे का इस्तेमाल कर मुंह की सफाई करें।
कोविड का टेस्ट निगेटिव आने के बाद अपना टूथब्रश बदल दें। नियमित रूप से मुंह और चेहरे की साफ-सफाई करें तथा ब्रश और टंग क्लीनर को नियमित रूप से एंटीसेप्टिक माउथवॉश से साफ करें। डॉ आशुतोष ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद स्टेरॉयड और दूसरी दवाओं का सेवन करने से मुंह में बैक्टीरिया और फंगस बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इससे साइनस, फेफड़े और ब्रेन से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। बताया कि ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से ठीक होने वाले लोगों के अलावा दूसरे लोगों में भी हो रहा है। इसकी बड़ी वजह है इम्यूनिटी कमजोर होना, डायबिटीज होना, स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन, लंबे समय तक आईसीयू में रहना, वोरिकोनाजोल थैरेपी और गंदगी की वजह से ब्लैक फंगस के मामले ज्यादा हो रहे हैं। ऐसे में आपको साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए और नहाते समय पूरी तरह से स्क्रब करने की सलाह दी जाती है।
बातचीत के दौरान डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि किसी भी मरीज को अगर किसी भी प्रकार की जानकारी लेनी हो तो वह निःसंकोच मेरे मोबाइल नंबर 8318663601 व 8009320699 पर फोन कर सकता है, जहां पर त्वरित उसकी हर संभव सहायता व सलाह दी जाएगी। बताते चलें कि डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद स्थित सिकंदरपुर नगर में संजीवनी क्लीनिक व सर्जिकल सेन्टर के मैनेजिंग डायरेक्टर है। समाजसेवा के क्षेत्र मे डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता अपने पेशे से ऊपर उठकर वे क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर, गरीबो व असहायों का निःशुल्क इलाज कर पूरे क्षेत्र में एक सशक्त युवा समाजसेवी के रूप में अपनी छाप को छोड़ा। ज्ञात हो कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान भी डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता समय-समय पर गरीबों व असहायों को मुफ्त राशन व दवाइयों का वितरण करतें रहतें हैं। डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता के द्वारा चलायें गए सामाजिक कार्यों की श्रृंखला मीडिया की भी सुर्खियों में बनी रहती है।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता