इंटरमीडिएट छात्रों के लिए एक बड़ी खबर आई सामने, परीक्षा के समय में बदलाव कर छात्रों को दी जाएगी और सुविधा, जेईई मेन्स परीक्षा (22 से 31 जनवरी) के कारण बोर्ड ने लिया यह निर्णय
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UP Board ने टाला प्रायोगिक परीक्षा
प्रयागराज (ब्यूरो डेस्क)। उत्तर प्रदेश बोर्ड के इंटरमीडिएट छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं (UP Board Practical Exam) को कुछ दिनों के लिए टाल दिया है।
अब इस तिथि से शुरू होंगी परीक्षाएं
अब ये परीक्षाएं एक से 16 फरवरी के बीच आयोजित होंगी। पहले ये परीक्षाएं 23 जनवरी से 31 जनवरी तक और फिर एक फरवरी से 8 फरवरी तक निर्धारित थीं, लेकिन जेईई मेन्स परीक्षा (22 से 31 जनवरी) के कारण बोर्ड ने यह निर्णय लिया है।
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में बदलाव
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) January 19, 2025
दो चरणों में होगी प्रैक्टिकल परीक्षाएं#UPBoardExam pic.twitter.com/wq0yWRLYAI
जानें चरणवार परीक्षा का शेड्यूल
अब संशोधित शेड्यूल के अनुसार, पहले चरण की परीक्षाएं एक फरवरी से आठ फरवरी तक और दूसरे चरण की परीक्षाएं नौ फरवरी से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी। पहले चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों में परीक्षाएं होंगी। जबकि दूसरे चरण में आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों में परीक्षा आयोजित की जाएगी।
JEE मेन्स परीक्षा के कारण हुआ बदलाव
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि यह बदलाव छात्रों के हित में किया गया है, क्योंकि जेईई मेन्स परीक्षा के कारण कुछ छात्रों को परेशानी हो रही थी। अब परीक्षा के समय में बदलाव कर छात्रों को और सुविधा दी जाएगी। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में भौतिक और रसायन विज्ञान में सर्वाधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इंटर विज्ञान वर्ग के अंतर्गत रसायन विज्ञान में 1650937 व भौतिक विज्ञान में 1650482 परीक्षार्थी जबकि जीव विज्ञान में 1249485 विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा देंगे।
प्रायोगिक परीक्षाओं में बढ़ेंगी पारदर्शिता
इस बार यूपी बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब परीक्षा के दौरान परीक्षकों को छात्रों के अंक परीक्षा केंद्र पर ही अपलोड करने होंगे। इसके लिए बोर्ड का विशेष मोबाइल एप होगा, जो केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में काम करेगा। साथ ही, परीक्षकों को छात्रों के साथ सेल्फी लेकर उसे एप पर अपलोड करना होगा। प्रधानाचार्य को परीक्षा की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता पूरी तरह सुनिश्चित हो सके।
रिपोर्ट- प्रयागराज ब्यूरो डेस्क