बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान उपभोक्ता अब सोलर पैनल की ओर कर रहे हैं रुख, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जिले में 26000 से अधिक उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है और 400 से अधिक घरों में पहले ही लग चुके हैं सोलर पैनल, योजना के तहत आम उपभोक्ताओं को भी रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने पर केंद्र और राज्य सरकार से मिल रहीं हैं सब्सिडी
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26 हजार उपभोक्ताओं ने किया हैं आवेदन
बिजनौर (ब्यूरो डेस्क, उत्तर प्रदेश)। बिजली की बढ़ती खपत के साथ बढ़ते बिल से उपभोक्ता निजात पाने के लिए सोलर सिस्टम की ओर रूख कर रहे हैं। जिले में लगभग 26 हजार उपभोक्ताओं ने (PM Surya Ghar Yojana) पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में आवेदन किया है। 400 से अधिक घरों में सोलर पैनल लग भी चुके हैं। उम्मीद है कि गर्मी का आगाज होने से पहले ही इन घरों में भी सोलर पैनल स्थापित हो जाएंगे।
जिलें में लगातार बढ़ रही है बिजली की मांग
आज के समय में बिजली सबसे बड़ी मूलभूत सुविधा में से एक है। जिले में बिजली की मांग तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन बिजलीघरों की संख्या जस की तस बनी हुई है। साथ ही साधारण परिवारों में एसी का चलन भी पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गया है। जितना ज्यादा बिजली का उपभोग होता है, बिल भी उतना ही मोटी राशि का आता है।
ग्राहकों को योजना के तहत मिल रही सब्सिडी
अधिकतर संस्थान तो अपने बिल कम करने के लिए सोलर पैनल की ओर पहले से रूख कर चुके थे, लेकिन ये पैनल आम उपभोक्ताओं की पहुंच से अब तक दूर ही थे। किसानों को तो सोलर पंप लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को छूट देने के लिए काफी समय से कोई योजना नहीं चल रही थी।
राज्य व केंद्र सरकार से मिलेगी सब्सिडी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनवरी में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की घोषणा की। इस योजना में आम उपभोक्ताओं को भी रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने पर केंद्र व राज्य की ओर से सब्सिडी की घोषणा की गई है। इस योजना में जिले में 30 हजार घरों में सोलर सिस्टम लगवाने का लक्ष्य मिला है। इसकी सापेक्ष जिले में अब तक 69 हजार 181 लोगों ने पोर्टल पर लॉगिन किया है। इसमें से 25 हजार 876 लोगों ने पंजीकरण करा भी लिया है। 418 लोग अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर सोलर पैनल लगवा भी चुके हैं।
जानें क्या हैं सब्सिडी का हिसाब
एक किलो वाट की क्षमता पर केंद्र द्वारा 30000 व राज्य द्वारा 15000 रुपए की सब्सिडी मिलेगी इस तरह कुल अनुदान 45000 रुपए का होगा। दो किलोवाट की क्षमता पर केंद्र द्वारा 60000 व राज्य द्वारा 30000 रुपए की सब्सिडी मिलेंगी। इस तरह कुल अनुदान 90000 रुपए का होगा। तीन किलोवॉट की क्षमता पर केंद्र द्वारा 78000 व राज्य द्वारा 30000 रुपए की सब्सिडी मिलेंगी। इस तरह कुल अनुदान 108000 रुपए का होगा। चार किलोवाट क्षमता पर पर केंद्र द्वारा 78000 व राज्य द्वारा 30000 रुपए की सब्सिडी मिलेंगी। इस तरह कुल अनुदान 108000 रुपए का होगा।
यें रहीं जरूरी जानकारी
अनुदान प्रति किलोवाट पर है। एक किलोवाट की अनुमानित कीमत 60 से 65 हजार रुपये है। अधिकतम सब्सिडी एक लाख आठ हजार रुपये है।
रिपोर्ट- बिजनौर ब्यूरो डेस्क