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धर्म-कर्म: कल मनाया जाएगा साल का अंतिम सोमवती अमावस्या, फटाफट करें यह काम, पितृ होंगे प्रसन्न तथा पूर्ण होंगे आपके सभी कार्य

सोमवती अमावस्या का एक अलग ही हैं प्रभाव व महत्व, अमावस्या अगर सोमवार को पड़ें तो उसे कहा जाता हैं सोमवती अमावस्या, यह दिन पितृ पूजन के लिए माना जाता हैं विशेष

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बहुत ही कल्याणकारी हैं ये अमावस्या

नई दिल्ली (धर्म एवं ज्योतिष डेस्क)। पंचांग के अनुसार अमावस्या तो प्रत्येक महीने में आता हैं, लेकिन सोमवती अमावस्या का एक अलग ही प्रभाव होता हैं। अमावस्या दिन के अनुसार पड़ता है उसी दिन के नाम से जाना जाता हैं, जैसे अमावस्या अगर सोमवार को पड़ें तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता हैं। इस दिन पितृ पूजन के लिए विशेष माना जाता हैं, लेकिन अगर अमावस्या सोमवार को पड़ने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं। इस दिन भगवान शिव के पूजन के लिए उत्तम माना जाता हैं। इस वर्ष पौष माह के कृष्णपक्ष की अमावस्या बहुत ही कल्याणकारी हैं। पौष मास की अमावस्या के दिन दान व पुण्य करने का विशेष महत्व हैं।

जानें पौष अमावस्या का विशेष महत्व

पौष अमावस्या के दिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य और चंद्रमा अपनी सीधी रेखा में रहते हैं यानि एक दुसरे के आमने सामने होते हैं। अमावस्या के दिन चंद्रमा 12 से 0 अंश तक चला जाता हैं। सोमवार के दिन अमावस्या होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सनातन धर्म में दान का एक अलग महत्व है तथा परम्परा बनाया हुआ हैं। धर्म ग्रंथो में दान का अलग महत्व बताया गया हैं। सोमवती अमावस्या को दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं साथ ही ग्रह दोष भी दूर होते हैं।

जानें सोमवती अमावस्या के पूजन का महत्व

महिलाएं अगर मासिक अमावस्या को पूजन करना भूल गई हैं तथा किसी कारण से पूजन नहीं की तो इस अवस्था में सोमवती अमावस्या के दिन पूजन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ का पूजन करने का विशेष महत्व हैं। इस दिन पीपल के पेड़ में पूजन करके उस वृक्ष में 108 बार धागा लपेटते हुए परिक्रमा करना चाहिए इससे उनके पति का आयु की वृद्धि होती हैं। भाग्य में वृद्धि होता हैं तथा धन का लाभ होता हैं। इस दिन तुलसी का भी पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं।

जानें पौष अमावस्या के दिन क्या करें दान

पौष अमावस्या को अगर सोमवार का दिन पड़ रहा हैं, इसलिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया हैं। पौष अमावस्या को अन्नदान, तील का दान, काला कम्बल व गुड़ का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होता हैं। इस दिन दान पुण्य करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं।

जानें कब है सोमवती अमावस्या

30 दिसंबर 2024 दिन सोमवार अमावस्या तिथि का आरंभ 30 दिसंबर 2024 सुबह 04 बजकर 01 मिनट से आरंभ होंगा। वहीं अमावस्या तिथि का समाप्ति 31 दिसंबर 2024 सुबह 03 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

जानें सोमवती अमावस्या की पूजा विधि

🔘 सोमवती अमावस्या के दिन सुबह में स्नान करें तथा स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

🔘 अपने पितृ का पूजन करें,भगवान सूर्य का पूजन करें साथ ही पितृ का भी पूजन करें।

🔘 पीपल के पेड़ का पूजन करें। पीपल के वृक्ष को 108 बार धागे लपेटे फिर दान करें। इससे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।

🔘 इस दिन मौन रहें तथा अन्न व वस्त्र का दान करें।

यहां पर आप पा सकते हैं उचित परामर्श व निदान

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रिपोर्ट- धर्म एवं ज्योतिष डेस्क

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