हम सेविंग भी करते हैं और निवेश भी करते हैं पर हमें इसके बावजूद ज्यादा नहीं मिलता अच्छा रिटर्न, ऐसे में कई बार मन में सवाल आता है कि आखिर कैसे निवेश करें कि हमारे पास कम समय में करोड़ रुपये का फंड हो जाए तैयार, हम आपको इस लेख में इन्वेस्टमेंट के ऐसे रूल के बारे में बताएंगे जिसके जरिये करोड़ रुपये का फंड होगा तैयार
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करोड़पति बनने का सपना होगा साकार
नई दिल्ली (ब्यूरो डेस्क)। आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसके पास करोड़ रुपये की संपत्ति हो। इसके लिए वह सेविंग के साथ इन्वेस्टमेंट भी करता है। लेकिन, वह यह नहीं जानता है कि उसके करोड़पति के सपने को साकार होने में कितना समय लगेगा। ऐसे में अगर एक फॉर्मूला को फॉलो करके मालूम हो जाए कि कितने साल के बाद करोड़पति बन जाएंगे तो क्या ही कहना। हम आपको इस लेख में एक ऐसे ही फार्मूला के बारे में बताएंगे जो आपके करोड़पति बनने के सपने को साकार करने में मदद करेगा।
फॉलो करें यें 8-4-3 फॉर्मूला
कई लोग शानदार रिटर्न पाने और सही तरीके से निवेश के लिए 8-4-3 फॉर्मूला फॉलो करते हैं। इसमें निवेश करके आपको न्यूनतम 12 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है। यह फॉर्मूला काफी सिंपल होता है। इसमें फॉर्मूला के अनुसार आपको ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहिए जिसके सालाना चक्रवृद्धि ब्याज (yearly compounding interest) मिलता हो। आज के समय में बाजार में ऐसे कई स्कीम है जो चक्रवृद्धि ब्याज ऑफर कर रहा है।
कितने साल में आप बनेंगे करोड़पति
अगर आप इस स्कीम में हर महीने 21,250 रुपये का निवेश करते हैं तो 8 साल में 33.37 लाख रुपये का फंड तैयार हो जाएगा। यह आपके करोड़पति बनेन का पहला स्टेप है। अब फिर से चक्रवृद्धि ब्याज की मदद से आप अगले चार साल में 33.37 लाख रुपये जुटा लेंगे और फिर केवल 3 साल में आपके फंड में 33 लाख रुपये और जुड़ जाएंगे। इस तरह केवल 15 साल में आप 8+4+3 रूल के जरिये आप करोड़पति बन जाएंगे। इसी तरह अगर आप 15 साल के बाद भी 6 साल तक हर महीने 21,250 रुपये जमा करते रहते हैं तो टोटल 21 साल में आपके पास 2.22 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो जाएगा।
आइए जानें कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का कमाल
8-4-3 फॉर्मूला के साथ बड़ा फंड तैयार करने में कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का बड़ा योगदान है। अल्बर्ट आइंस्टीन ने कंपाउंडिंग इंटरेस्ट को दुनिया का आठवां अजूबा बताया था। दरअसल, निवेश पर दो तरीके से ब्याज मिलता है। एक साधारण ब्याज (Simple Interest) और दूसरा चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest)। साधारण ब्याज में केवल मूल धन यानी निवेश राशि पर ब्याज मिलता है। वहीं, चक्रवृद्धि ब्याज मूलधन पर ब्याज मिलता है और फिर वह मूलधन में वह ब्याज जुड़ जाता है। आसान भाषा में कहें तो इसमें ब्याज पर भी ब्याज मिलता है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली ब्यूरो डेस्क