"पक्ष विपक्ष हर तरफ से इस मजबूत किले की दावेदारी हुई शुरू, इमरजेंसी के बाद पहली बार हारी थी कांग्रेस, बोफोर्स कांड के बाद कांग्रेस हारी तो फिर जीत नहीं पाई ये सीट"
खबरें आजतक Live |
सलेमपुर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी का सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र उन सीटों में से है, जहां 2014 में पहली बार बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही। 2019 में उसने यही कामयाबी दोहरा भी ली लेकिन अब जब 2024 के लोकसभा चुनाव में 10 महीने से भी कम का समय बचा है तो पक्ष-विपक्ष हर तरफ से इस मजबूत किले की दावेदारी शुरू हो गई है। कभी कांग्रेस फिर सपा और बसपा का गढ़ रही इस सीट पर बीजेपी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के साथ से बड़ी मदद मिल सकती है। वहीं विपक्ष यदि एक साथ मैदान में उतरता है तो उसकी ताकत इस चुनावी मुकाबले को बेहद कड़ा बना सकती है। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। भाटपार रानी, सलेमपुर, बेल्थरा रोड, सिकन्दरपुर और बांसडीह। इनमें बेल्थरा रोड, बांसडीह और सिकन्दरपुर बलिया जिले में हैं, तो सलेमपुर और भाटापार रानी क्षेत्र देवरिया जिले में पड़ते हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में सलेमपुर से भाजपा की विजय लक्ष्मी गौतम और भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के ही सभाकुंवर कुशवाहा विजयी रहे। बलिया की बांसडीह सीट से भाजपा की श्रीमती केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से एसबीएसपी के हंसू राम और सिकन्दरपुर सीट से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने हैं। 1957 से लेकर 1984 के बीच हुए सात आम चुनावों में से छह बार सलेमपुर में कांग्रेस ने बाजी मारी।
इस बीच इमरजेंसी के आक्रोश में 1977 में उसे हार का सामना करना पड़ा था। तब भारतीय लोकदल के रामनरेश कुशवाहा ने पार्टी के प्रत्याशी तारकेश्वर पाण्डेय को भारी अंतर से हराया था। इस चुनाव में रामनरेश को 72.1 फीसदी (253659) वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के तारकेश्वर पाण्डेय मात्र 20.68 फीसदी (72738) वोट ही हासिल कर सके। कांग्रेस के खिलाफ यह आक्रोश तीन साल में ही थम गया और 1980 और 1984 में पार्टी के प्रत्याशी राम नगीना मिश्र लगातार सांसद चुने गए। बोफोर्स कांड के मुद्दा बनने के बाद इस सीट पर 1989 में कांग्रेस हारी तो फिर उसे जीत नसीब नहीं हुई। इस चुनाव में जनता दल के हरिकेवल ने 50 फीसदी से अधिक मत हासिल करते हुए कांग्रेस के रामनगीना मिश्र को शिकस्त दी थी। इसके बाद हुए चुनावों में सिर्फ दो बार (2004 व 2009) ऐसे अवसर आए, जब कांग्रेस मुख्य लड़़ाई मे रही। इन दोनों चुनावों में पार्टी के प्रत्याशी भोला पाण्डेय दूसरे स्थान पर रहे। 2004 में जहां इनका सपा के हरिकेवल प्रसाद से करीबी मुकाबला हुआ। वहीं 2009 में बसपा के रमाशंकर राजभर से मात्र 18 हजार 305 मतों से हारे। रमाशंकर राजभर को 175088 और भोला पाण्डेय को 156783 वोट मिले थे, लेकिन 2014 में मोदी लहर के बीच हुए चुनाव में कांग्रेस चौथे स्थान पर चली गई।
कांग्रेस को मात्र 41,890 (4.89%) मत ही मिले। 2019 के चुनाव में पार्टी ने आखिरी क्षणों में वाराणसी से सांसद रह चुके राजेश मिश्र को मैदान में उतारा। छात्र राजनीति की पृष्ठभूमि से आने वाले राजेश मिश्र के तेवर से उम्मीद थी कि इस बार कांग्रेस यहां बेहतर करेगी परन्तु मोदी मैजिक के सामने वे मतदाताओं को अपनी तरफ खींच पाने में पूरी तरह से असफल रहे और पार्टी को काफी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा समाज के 18%, ब्राह्मण 15%, अनुसूचित जाति 15%, राजभर 14%, अल्पसंख्यक 13%, यादव 9%, क्षत्रिय 4%, वैश्य 4%, सैंथवार 2%, कायस्थ 2% और करीब 4% निषाद, कुम्हार, चौहान व अन्य मतदाता हैं। 2019 के चुनाव परिणामों की बात करें तो पहले नंबर पर भाजपा के रविंद्र कुशवाहा को 467241 मत के साथ 50.73% प्रतिशत मत मिला। दूसरे नंबर पर बसपा के आर एस कुशवाहा को 354764 मत मिला व प्रतिशत 38.52% रहा। तीसरे नंबर पर सुभासपा के राजाराम को 33520 मत मिला व प्रतिशत 3.64% रहा। चौथे नंबर पर कांग्रेस के राजेश मिश्र को 27288 मत मिला व प्रतिशत 2.96% रहा।
पांचवें नंबर पर निर्दल प्रत्याशी सुनील कुमार पाण्डेय को 6267 मत मिला व प्रतिशत 0.68% रहा। छठवें नंबर पर निर्दल प्रत्याशी विश्राम को 4813 मत मिला व प्रतिशत 0.52% रहा। सातवे नंबर पर राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के सुमेश्वरनाथ तिवारी को 3836 मत मिला व प्रतिशत 0.42% रहा। आठवें नंबर पर निर्दल प्रत्याशी विद्याशंकर पाण्डेय को 2430 मत मिला व प्रतिशत 0.26% रहा। नौवें नंबर पर जनता क्रांति पार्टी के कैलाश चौहान को 2413 मत मिला व प्रतिशत 0.26% रहा। दसवें नंबर पर निर्दल प्रत्याशी छोटेलाल को 2283 मत मिला व प्रतिशत 0.25% रहा। ग्यारहवें नंबर पर पीस पार्टी के अजी मुल्लाह को 2204 मत मिला व प्रतिशत 0.24% रहा। बारहवें नंबर पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की पूजा पाण्डेय को 1752 मत मिला व प्रतिशत 0.19% रहा। तेरहवें नंबर पर हिन्दुस्तान निर्माण दल के रामजी प्रताप को 1594 मत मिला व प्रतिशत 0.17% रहा। चौदहवें नंबर पर जनता कांग्रेस के मो सरुर अली को 1563 मत मिला व प्रतिशत 0.17% रहा। पंद्रहवें नंबर पर भारतीय समता समाज पार्टी के कृपाशंकर प्रसाद को 1299 मत मिला व प्रतिशत 0.14% रहा। वहीं सोलहवें नंबर पर नोटा को वोटरों ने 7799 मत दिया व नोटा का प्रतिशत 0.85% रहा।
सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में 2014 के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो पहले नंबर पर भाजपा के रविंद्र कुशवाहा को 392213 मत मिला व प्रतिशत 45.83% रहा। दूसरे नंबर पर बसपा के रविशंकर सिंह को 159871 मत मिला व प्रतिशत 18.68% रहा। तीसरे नंबर पर सपा के हरिवंश सहाय को 159688 मत मिला व प्रतिशत 18.66% रहा। चौथे नंबर पर कांग्रेस के डॉ भोला पाण्डेय को 41890 मत मिला व प्रतिशत 4.89% रहा। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से अब तक यहां की जनता ने इन लोगों को सांसद का दायित्व जनता ने सौंपा हैं, जिनमें सन 1957 में कांग्रेस के विश्वनाथ राय, सन 1962 में कांग्रेस के विश्वनाथ पाण्डेय, सन 1967 में फिर कांग्रेस के विश्वनाथ पाण्डेय, सन 1971 में कांग्रेस के तारकेश्वर पाण्डेय, सन 1977 में बीएलडी के रामनरेश कुशवाहा, सन 1980 में कांग्रेस के रामनगीना मिश्र, सन 1984 में फिर कांग्रेस के रामनगीना मिश्र, सन 1989 में जनता दल के हरिकेवल प्रसाद, सन 1991 में फिर जनता दल के हरिकेवल प्रसाद, सन 1996 में सपा के हरिवंश सहाय, सन 1998 में एसपी के हरिकेवल प्रसाद, सन 1999 में बसपा के बब्बन राजभर, सन 2004 में सपा के हरिकेवल प्रसाद, सन 2009 में बसपा के रमाशंकर राजभर, सन 2014 में भाजपा के रविन्द्र कुशवाहा, सन 2019 में फिर भाजपा के रविन्द्र कुशवाहा को सांसद के रूप में सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता चुन चुकी है।
रिपोर्ट- सलेमपुर ब्यूरो डेस्क