"भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी करने जा रहे हैं कड़कनाथ मुर्गों की फॉर्मिंग, इसके लिए क्रिकेटर ने मध्य प्रदेश के झाबुआ से इस नस्ल के खरीदे हैं 2 हजार चूजे, सहकारी संस्था द्वारा शुक्रवार को चूजे भेजे गए हैं रांची"
खबरें आजतक Live |
नई दिल्ली (ब्यूरो)। क्रिकेट में अपनी धुआंधार बल्लेबाजी और कुशल नेतृत्व के लिए पहचाने जाने वाले कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी मध्य प्रदेश के खास कड़कनाथ मुर्गों की फार्मिंग करने जा रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी के ऑर्डर पर मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से कड़कनाथ नस्ल के 2 हजार चूजों को रांची के लिए रवाना किया गया है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश स्थित एक सहकारी समिति ने भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ऑर्डर पर उच्च प्रोटीन के लिए प्रसिद्ध कड़कनाथ नस्ल के 2,000 चूजों को झारखंड के रांची के एक फार्म में भेजा है। झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी ने स्थानीय सहकारी से मंगवाए गए 2,000 'कड़कनाथ' चूजों को शुक्रवार को एक वाहन से क्रिकेटर के गृह नगर रांची भेजा गया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है कि धोनी जैसे लोकप्रिय व्यक्तित्व ने कड़कनाथ चिकन किस्म में रुचि दिखाई है। कोई भी इन हैचलिंग को ऑनलाइन मोड के माध्यम से ऑर्डर कर सकता है, इससे जिले के आदिवासी लोगों को फायदा होगा। वहीं, झाबुआ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ.आई एस तोमर ने कहा कि धोनी ने कुछ समय पहले ऑर्डर दिया था, लेकिन उस समय बर्ड फ्लू फैलने के कारण चूजों की आपूर्ति नहीं की जा सकी थी।
झाबुआ के रुंडीपाड़ा गांव में कड़कनाथ के प्रोडक्शन से जुड़ी सहकारी संस्था चलाने वाले विनोद मेदा को धोनी ने ऑर्डर दिया था। रांची भेजे गए सभी 2,000 कड़कनाथ चूजों को टीका लगाया गया है, धोनी के प्रबंधक ने उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि क्रिकेटर के फार्म हाउस में चूजों के पालन की सुविधा विकसित की गई है। विनोद मेदा ने कहा कि वह झाबुआ की आदिवासी संस्कृति के प्रतीक के रूप में धोनी को एक पारंपरिक धनुष और तीर भी भेंट करेंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने 2018 में एक कड़कनाथ ऐप लॉन्च किया था ताकि लोग ऑनलाइन माध्यम से चूजों को ऑर्डर कर सकें। डॉ आई एस तोमर के मुताबिक, एक दिन के कड़कनाथ चूजों की कीमत करीब 75 रुपये है, जबकि 15 दिन और 28 दिन के चूजों की कीमत क्रमश: 90 रुपये और 120 रुपये है। बता दें झाबुआ जिले के काले कड़कनाथ चिकन मांस को छत्तीसगढ़ के साथ कानूनी लड़ाई के बाद 2018 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिला। जीआई टैग भौगोलिक क्षेत्र से आने वाले विशेष उत्पाद को दर्शाता है और इसके वाणिज्यिक मूल्य को बढ़ाता है। कड़कनाथ मुर्गी के अंडे और मांस अन्य नस्लों की तुलना में अधिक दर पर बेचा जाता है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क