"क्षत्रिय विरोधी नही थे भगवान परशुराम, वे तो केवल अन्याय, अत्याचार करने वालों का ही करते थें विरोध, चाहे वो किसी भी वर्ग विशेष के हो"
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रतसर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। भगवान परशुराम क्षत्रिय विरोधी नही थे। वे तो केवल अन्याय, अत्याचार करने वालों का विरोध करते थे। चाहे वो किसी भी वर्ग विशेष के हो। पापियों का संहार करने के लिए उन्होंने अवतार लिया था। उक्त बातें परशुराम युवा मंच के अध्यक्ष पं० सक्षम कुमार पाण्डेय "रिशु" ने जनऊपुर में बुधवार को जनऊबाबा साहित्यक संस्था निर्झर के तत्वाधान में आयोजित बैठक में परशुराम युवा मंच के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण वर्ग सभी समाज का सदियों से मार्ग दर्शक रहा है। समाज की शिक्षा- दीक्षा व उत्थान का कार्य भी ब्राह्मण वर्ग हमेशा से करता चला आ रहा है। ब्राह्मण शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञाता रहा है, लेकिन ये दुर्भाग्य की बात हैं कि आज ब्राह्मण संगठित नही हो पा रहा है। जब-जब देश में भ्रष्टाचार, अत्याचार और अपराध बढ़ा तब-तब ब्राह्मण युवाओं ने बढ़ चढ़कर समाज के हितों के लिए अनवरत संघर्ष किया।
उन्होंने आगे कहा कि क्रांति की प्रथम अलख जगाने वाले अमर शहीद मंगल पाण्डेय, चन्द्रशेखर आजाद जैसे कई वीर योद्धाओं ने ब्राह्मण कुल में जन्म लिया। ब्राह्मण की गाथा का बखान नही किया जा सकता। ब्राह्मण तो हमेशा से अनंत और परम वैभवशाली रहा है। युवा मंच के महामन्त्री पं० आशीष मिश्रा ने बताया कि 3 मई अक्षय तृतीया को प्रातः वैदिक मंत्रों के साथ भगवान परशुराम जी का पूजन, हवन एवं यज्ञ के आयोजन के साथ ही शोभायात्रा निकाली जाएगी। बैठक की शुरुआत भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। साथ ही जन्मोत्सव के कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए की जाने वाली तैयारियों पर भी मंथन हुआ। इस अवसर पर अमृत, शुभम, नवनीत, अभिनव, विनीत, निशान्त, अभिषेक, रितेश, विशाल, नीलेश, सत्यम, आशुतोष उपाध्याय, अवधेश चौबे, अमन शुक्ला, अनुभव, निरंजन आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेम नारायण पाण्डेय एवं संचालन सुधाकर पाण्डेय ने किया।
रिपोर्ट- संवादाता अभिषेक पाण्डेय