Left Post

Type Here to Get Search Results !

बलिया: आखिर इस मुद्दे पर मुकदर्शक क्यों बना हुआ हैं सिकन्दरपुर का शासन प्रशासन, कलम के बदले हाथों में स्टेरिंग क्यों, पूछता है सिकन्दरपुर

"ग्रामीण अंचलों समेत सिकन्दरपुर नगर में बैट्री रिक्शा की लगी हुई है भरमार, कम उम्र के बैट्री रिक्शा चालकों को शासन प्रशासन व पुलिस का भी नहीं हैं कोई डर"

खबरें आजतक Live

सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। बेरोजगारी व अच्छा मुनाफा कमाने का संयंत्र बन चुका बैट्री रिक्शा की भरमार क्षेत्र में दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आम लोगों को यात्रा से जुड़ी सुविधाएं तो सहज ही उपलब्ध हो रही है, लेकिन एक खतरा भी हमेशा मडराता रहता है कि न जाने कब बैट्री रिक्शा चालक अपना संतुलन खो दें और कोई बड़ा हादसा घटित हो जाए। इन दिनों ग्रामीण अंचलों समेत सिकन्दरपुर नगर में बैट्री रिक्शा की भरमार लगी हुई है। मुख्य बस स्टैंड चौराहा समेत सभी मुख्य मार्गों व बाजारों में इन बैटरी रिक्शा वालों को बड़ी तादात में देखा जा सकता है, जो मुख्य बाजार में भीषण जाम लगने व लगाने का सबब भी बनते हैं। गौर करें तो अधिकतर बैट्री रिक्शा चालकों की उम्र 18 वर्ष से कम है तथा इन्हें ट्रैफिक नियमों का जरा भी भान नहीं होता। यहां तक कि कहीं कहीं 10 से 12 साल के बच्चे भी मुख्य मार्गों पर बैट्री रिक्शा धौंस के साथ दौड़ाते हुए दिख जायेंगे। इन कम उम्र के चालकों को शासन प्रशासन व पुलिस का भी कोई डर नहीं है। कारण कि पुलिस प्रशासन द्वारा कभी भी इनके खिलाफ बड़ें पैमाने पर कोई अभियान नहीं चलाया जाता ना कभी बैट्री रिक्शा के मूल दस्तावेजों की जांच की जाती है।

बेरोजगारी व पैसा कमाने की होड़ में काफी बच्चे बेखौफ होकर ट्रैफिक नियमों से बेपरवाह मुख्य मार्गों पर बैट्री रिक्शा चला रहे हैं। कलम पकड़ने की उम्र में बैट्री रिक्शा का स्टेरिंग पकड़े बच्चों के रूप में इन रिक्शा चालकों के चलते आए दिन छोटी बड़ी दुर्घटनाएं भी घटित होती रहती है। अब मुख्य सवाल यह उठता है कि आखिर शासन-प्रशासन इस मुद्दे पर अपने आंखों पर पट्टी क्यों बांधे हुए हैं। पुलिस प्रशासन के आंखों के सामने ही यह बच्चे रौब से बैट्री रिक्शा चलाते हैं, पर उनसे कोई पूछताछ भी नहीं की जाती ना ही कोई चालान काटा जाता है जिससे ऐसे बच्चों के मन में पुलिस के प्रति डर और भय पैदा हो। नगर के वरिष्ठ समाजसेवी संजय जायसवाल ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कम उम्र के बच्चों द्वारा बैट्री रिक्शा चलाया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण व जानलेवा है। कहा कि एहतियात के तौर पर पुलिस प्रशासन को ऐसे बैट्री रिक्शा पर कार्रवाई करनी चाहिए तथा बच्चों के रूप में बैटरी रिक्शा चला रहे चालकों के माता पिता को भी जागरूक करना चाहिए कि पढ़ाई लिखाई और कलम पकड़ने की उम्र में अपने बच्चों को बैट्री रिक्शा का स्टेरिंग ना पकड़ाए।

रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---