"एक ऐसा तरबूज है जिसकी कीमत लाखों में होती है, आम आदमी इस तरबूज को खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकता, हम आपको जिस तरबूज के बारे में बताने जा रहे हैं उसकी होती हैं नीलामी"
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नई दिल्ली (ब्यूरो, भारत)। दुनियाभर में कई तरह के फल पाए जाते हैं जिनकी कीमतें अलग होती हैं। गर्मी के मौसम में कुछ खास फलों की मांग बढ़ जाती है। भारत समेत पूरी दुनिया में कई तरह के फल और सब्जियां मिलती हैं। भारत में आमतौर पर फलों की कीमत 400 से 500 रुपये तक प्रति किलो होती है। गर्मी के मौसम में आम, लीची, खरबूजा और तरबूज जैसे फलों की मांग ज्यादा होती है। भारत में मिलने वाले तरबूज की कीमत अधिकतम 100 रुपये होती है। 100 रुपये में एक तरबूज आराम से मिल जाता है, लेकिन एक ऐसा तरबूज है जिसकी कीमत लाखों में होती है। आम आदमी इस तरबूज को खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकता है। गर्मियों में तरबूज खाना बच्चा हो या बूढ़ा हर कोई पसंद करता है। गर्मियों में मांग के हिसाब तरबूज की कीमतें घटती और बढ़ती हैं। लेकिन हम आपको जिस तरबूज के बारे में बताने जा रहे हैं उसकी नीलामी होती है और इसे हर कोई खरीद नहीं सकता। आइए जानते हैं इस अनोखे और दुर्लभ तरबूज के बारे में। यह दुर्लभ तरबूज जापान में मिलता है, जिससे दुनिया का सबसे महंगा तरबूज कहा जाता है। डेनसुक प्रजाति के इस तरबूज को लोग काला तरबूज भी कहते हैं। यह सिर्फ जापान के होकाइडो आइलैंड के उत्तरी इलाके में पाया है। इस दुर्लभ प्रजाति के तरबूज की पैदावर बहुत कम होती है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि डेनसुक प्रजाति के एक साल में सिर्फ 100 पीस ही पैदा होता हैं।
इसकी वजह से फलों की मंडी में यह बेहद मुश्किल से मिलते हैं। डेनसुक प्रजाति के इन तरबूज इतने खास होते हैं इनकी हर साल नीलामी होती है और यह दुकानों पर नहीं बिकते हैं। इस तरबूज की बड़ी-बड़ी बोलियां लगती हैं और इनकी कीमत लाखों में होती है। इस प्रजाति के तरबूज की साल 2019 में नीलामी की गई थी जिसकी कीमत 4.5 लाख रुपये लगी थी। हालांकि सभी चीजों की तरह कोरोना की मार इस खास तरबूज पर भी पड़ी है, जिसकी वजह से इसकी कीमतों में भारी कमी आई है। कोरोना महामारी के दौरान दो सालों में इस खास तरबूज के दामों में गिरावट आने के बाद भी यह काला तरबूज दुनिया का सबसे महंगा और दुर्लभ तरबूज है। यह अपनी खासियत की वजह से बेहद दुर्लभ है। यह खास तरबूज बाहर से चमकीला और काला दिखता है और इसके अंदर लाल रंग का हिस्सा कुरकुरा होता है। यह दूसरे तरबूजों से स्वाद में ज्यादा मीठा होता है जबकि इसमें बीज में भी बेहद कम होते हैं। इस तरबूज को खाने वाले लोग बताते हैं कि यह अधिक स्वादिष्ट और मीठा होता है। बताया जाता है कि इस दुर्लभ प्रजाति का हर तरबूज महंगा नहीं बिकता है। पहली फसल का तरबूज सिर्फ महंगा होता है। इसके बाद जो तरबूज होता है उसे 19 हजार रुपये तक बिकता है। लेकिन इसके बावजूद भी यह साधारण तरबूजों से कई गुना महंगा होता है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क