"2017 के विधानसभा चुनाव में कई सीट ऐसी भी थीं, जहां चंद वोटों नें कर दिया हार और जीत का फैसला, कुछ सीटों पर 173, 1000, 2000 या 4 से 5 हजार वोटों से जीते थे उम्मीदवार"
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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। सूबे में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 10 फरवरी से लेकर 10 मार्च के दंगल के लिए सारी पार्टियां चुनावी अखाड़े में कूद चुकी हैं और विपक्षी को हराने के लिए हर पैंतरा अपना रही हैं। लेकिन गद्दी किसे मिलेगी इसका फैसला तो जनता का वोट ही करेंगा। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में कई सीट ऐसी भी थीं, जहां हार और जीत का फैसला केवल चंद वोटों ने कर दिया था। कुछ सीटों पर उम्मीदवार 173, 1000, 2000 या 4 से 5 हजार वोटों से जीते थे। इन वोट स्विंग्स का सबसे ज्यादा किसे फायदा मिला और किसे नुकसान हुआ। आइए समझें पूरा गणित। साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ने कई समीकरणों को ध्वस्त कर सूबे की राजनीति में नया इतिहास लिखा था। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी जहां केवल 47 सीटों पर सिमट गई, वहीं बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीटें जीतकर सूबे में सरकार बना ली। लेकिन कई सीटें ऐसी भी थीं, जहां उम्मीदवार बेहद कम मार्जिन से जीते थे। साल 2017 का एक आकलन दिखाता है कि 5000 वोटों का स्विंग उत्तर प्रदेश की हर 10वीं सीट का नतीजा बदल सकता है।
उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 47 पर पिछले चुनावों में 5,000 से कम मतों के अंतर से जीत दर्ज की गई थी। यूपी के औसत आकार को देखते हुए 5,000 वोटों का अंतर बड़ा नहीं है। यूपी में, 5,000 से कम मतों के अंतर से जीती गईं 47 सीटों में से बीजेपी ने सबसे अधिक 23 सीटें जीतीं थीं और 15 ऐसी सीट थीं, जहां वो दूसरे नंबर पर रहीं। सपा ने 13 सीटों पर जीत हासिल की और 17 में रनरअप रही। बसपा ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और अपना दल (सोनीलाल) को एक-एक सीट मिली थी। इन 47 में से 8 सीट ऐसी थीं, जहां उम्मीदवार 1000 से कम वोट से जीते थें। इनमें से, बीजेपी ने 5 (डूमरियागंज, मीरापुर, श्रावस्ती, मुहम्मदाबाद- गोहना (एससी) और रामपुर मनिहारन) जीतीं। बसपा ने 2 (मंट और मुबारकपुर) पर विजय हासिल की और एसपी को एक (मोहनलालगंज) सीट मिली। दरअसल, डूमरियागंज में सबसे कम अंतर दिखा था। जहां बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बसपा की सैय्यदा खातून को महज 171 मतों से हराकर जीत हासिल की थी।
दूसरा सबसे कम अंतर मीरापुर में दर्ज किया गया, जहां बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अवतार सिंह भड़ाना ने सपा उम्मीदवार लियाकत अली को 193 मतों से हराया था। भड़ाना इस महीने की शुरुआत में बीजेपी छोड़कर रालोद में शामिल हो गए। नौ सीटों- दुद्धी, भदोही, पट्टी, मटेरा, बांसडीह, टांडा, महमूदाबाद, ऊंचाहार और भरथना में विजेता का फैसला 1,000- 2,000 वोटों से हुआ। नजीबाबाद, लालगंज, गैंसरी, कंठ, फरेंदा, बदलापुर, कन्नौज, अतरौलिया, सिधौली और प्रतापपुर की 10 सीटों पर जीत का अंतर 2,000 से 3,000 के बीच था। वहीं 12 सीटें- मुरादाबाद नगर, जंगीपुर, धौरहरा, चिल्लूपर, आंवला, ढोलाना, दीदारगंज, हरचंदपुर, महोली, पटियाली, छपरौली और बिधूना में 3,000 से 4,000 वोटों से उम्मीदवार ने जीत हासिल की। आठ सीटों- नकुर, मंझनपुर, मछली शहर, इसौली, शाहाबाद, सहसवां, गोरखपुर ग्रामीण और सहारनपुर नगर में जीत का मार्जिन 4,000- 5,000 वोटों का था। यूपी में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। यूपी में पहला चरण 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवा चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च व सातवां चरण का मतदान 7 मार्च को होगा।
रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क