"समाजसेवी अखिलेश चौहान की पहल पर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के प्रयासों से सुभाष का शव पहुंचा पैतृक गांव"
खबरें आजतक Live |
सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। थाना क्षेत्र के बसारिखपुर निवासी 46 वर्षीय सुभाष चंद्र चौहान का शव तीन महीने बाद सोमवार की सुबह अपनें पैतृक गांव बसारिखपुर पहुंचा। एंबुलेंस के गांव में पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बीते तीन माह से अंतिम दर्शन के इंतजार में परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत से पूरा परिवार सदमे की आगोश में है। मृतक सुभाष की पत्नी विद्यावती देवी का भी रो रोकर बुरा हाल था। मृतक सुभाष की तीनों पुत्रियों अनिता, प्रियंका व बबली तथा पुत्र संत कुमार भी अपनें पिता का शव देख बेसुध पड़े थे। सुभाष के पिता छपित चौहान की तो मानो दुनिया ही उजड़ गयी हैं। घाघरा नदी के तट पर सुभाष का अंतिम संस्कार किया गया। मुखग्नि पुत्र सन्त कुमार ने दी। ज्ञात हो कि अप्रैल 2019 में सुभाष सऊदी अरब कमाने गया था। वहां वह राजमिस्त्री का काम करता था। उसी दौरान 30 जून 2021 को काम करते समय ऊंचाई से गिरने के कारण उनकी मौत हो गई थी। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया था। परिजन शव प्राप्त करने को लेकर काफी परेशान थे। इसी बीच, जिले के एक समाजसेवी अखिलेश चौहान की पहल पर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के प्रयासों से सुभाष का शव घर पहुंचा। इस हृदय विदारक घटना से एक तरफ मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय