"कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीमित संख्या में आमंत्रित अतिथिगण की उपस्थिति में किया गया विचारगोष्ठी व योगाभ्यास"
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। तहसील क्षेत्र स्थित श्री स्वामीनाथ सिंह सुरेंद्र महाविद्यालय के परिसर में विश्व योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक व सेविकाओं द्वारा 'वर्तमान जीवन शैली में भारतीय योग की प्रासंगिकता' विषयक विचारगोष्ठी व योगाभ्यास का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीमित संख्या में आमंत्रित अतिथिगण की उपस्थिति में किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता शिक्षाविद डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि हजारों वर्षों से योग व आयुर्वेद था, आज भी है और कल इसको संसार का जन-जन अपनायेगा। दुनिया अब योग व आयुर्वेद के लाभ को जान चुकी है । इसलिए इसके प्रभाव को षड़यंत्रों से दबाया नहीं जा सकता।योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में मानसिक संतुलन बनाये रखने का सर्वाधिक सशक्त माध्यम भी है। तनावजनित रोग यथा अवसाद, उच्च रक्तचाप, मधुमेह इत्यादि व्याधियों से बचते हुए आनंदमय जीवन जीने के लिए योग की शरण मे आना होगा।
योग का अर्थ ही है जोड़ अर्थात जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है और मोक्ष का साधन बनता है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पी के तिवारी ने कहा कि समस्त स्वयं सेवक व सेविकाओं द्वारा इस कोरोना महामारी में जनसेवा का जो अद्भुत कार्य किया गया वह पूरे समाज के लिए अनुकरणीय है। अब एक बार पुनः सब लोग गांव, गली व मोहल्ले में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को कोविड टीकाकरण हेतु प्रेरित करें। कार्यक्रम को सर्वश्री अश्वनी सिंह, राजकुमार मल, वृजेन्द्र श्रीवास्तव, कामेश्वर प्रसाद, ऋचा यादव, सकीना ख़ातून, निशा प्रसाद, आरती, कुदरत अंसारी, चंदन कुमार ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के संस्थापक इंजीनियर सुरेंद्र सिंह तथा संचालन कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार ने किया। अंत मे समस्त आगन्तुकों के प्रति महाविद्यालय के व्यवस्थापक आदित्य प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय