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यूपी में कोरोना: आइए जानें आखिरकार किस कारण से संगम क्षेत्र से ही फैल सकता हैं कोरोना का संक्रमण

"संगम किनारे व्यवस्थाएं हटाने से लोग यहीं पर फैला रहे हैं गंदगी, संगम क्षेत्र में न तो सेनेटाइजेशन हो रहा है और न ही स्वच्छता का काम"

खबरें आजतक Live
प्रयागराज (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। महामारी के काल में शासन ने भले ही लॉकडाउन घोषित कर लिया है, लेकिन पूर्वजों का परलोक सुधारने के लिए गंगा और यमुना के संगम पर रोजाना सैकड़ों लोगों का आगमन हो रहा है। अपनों की अस्थियों के विर्सजन के लिए सैकड़ों लोग वाहन से यहां पर रोजाना आते हैं। इन वाहनों में सवार होते हैं चार से पांच लोग। संगम किनारे व्यवस्थाएं हटाने से लोग यहीं पर गंदगी फैला रहे हैं। क्षेत्र में न तो सेनेटाइजेशन हो रहा है और न ही स्वच्छता का काम। इससे इस क्षेत्र से संक्रमण के प्रसार का बड़ा खतरा बना हुआ है। संगम क्षेत्र में माघ मेला खत्म होने के बाद संगम क्षेत्र में वर्ष पर्यंत सुविधाएं देने का दावा करने वाले प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सभी सुविधाओं को हटा लिया है। इस वक्त रोजाना प्रतापगढ़, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, बलिया, गोंडा, चित्रकूट, बांदा आदि क्षेत्रों से सैकड़ों लोग बेरोकटोक प्रयागराज आ रहे हैं। रात 10 बजे के बाद से वाहनों की कतार बांध के नीचे से शुरू होती है और संगम तक वाहन लग जाते हैं। प्रत्येक वाहन में चार से पांच लोग होते हैं। सभी का उद्देश्य अस्थि विसर्जन होता है। ये लोग यहां पर आते हैं तो शौचालय न होने के कारण खुले में ही नित्यकर्म करते हैं और वहीं संगम तट पर कुल्ला कर अस्थि विसर्जन कर सुबह 10 से 11 बजे के बीच निकल जाते हैं। इस क्षेत्र से संक्रमण के प्रसार का खतरा है, लेकिन प्रशासन नें पूरी तरह से आंखें बंद किए हुए है। 

मोबाइल टायलेट को साल भर संगम क्षेत्र में रखना था, लेकिन इस वक्त केवल एक सुलभ शौचालय के सहारे ही काम लिया जा रहा है। यहां पर संगम थाना भी बनाया गया है, लेकिन आने वालों से पूछताछ कोई नहीं कर रहा है। पूरें क्षेत्र में सेनेटाइजेशन एक बार भी नहीं कराया गया। पुरोहित प्रदीप पांडेय, आचार्य व अध्यक्ष जय त्रिवेणी जय प्रयाग संस्था नें बताया कि पूरे क्षेत्र में रोजाना हजारों लोगों का आना जाना है। न तो इनकी रिपोर्ट देखी जा रही है और न ही इन पर कोई बातचीत हो रही है। मेले के बाद से स्वच्छता कर्मी भी संगम क्षेत्र से गायब हो गए हैं। संगम क्षेत्र में एक भी दिन सेनेटाइजेशन नहीं हुआ है। इस वक्त प्रत्येक तीर्थ पुरोहित के यहां पर 80 से 85 लोग प्रतिदिन आ रहे हैं। सभी लोग अस्थि विसर्जन के लिए आते हैं। एक ही नल है, जिससे दिन भर पानी भरा जा रहा है। संक्रमण का प्रसार हो सकता है। यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करें। वहीं संतोष शर्मा, आचार्य व पुरोहित नें बताया कि रोजाना सैकड़ों लोगों का संगम की ओर आगमन हो रहा है। यहां पर कोई भी रोकटोक नहीं है। शौचालय का भी समुचित प्रबंध नहीं है। जब कोरोना जैसा संक्रमण फैला हुआ है तो स्वच्छता पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। इससे महामारी फैलेगी। वहीं एके कनौजिया, एडीएम सिटी नें कहा कि घाट पर क्या हो रहा है, इसकी जानकारी फिलहाल उन्हें नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा तथा सेनेटाइजेशन के लिए कहा जाएगा। 

रिपोर्ट- प्रयागराज डेस्क

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