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Must Read: आखिर कुंभकर्णी नींद से कब जागेगा यें विभाग, इस मार्ग पर जल निकासी की व्यवस्था न होने व कीचड़युक्त भारी जल जमाव से राहगीरों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना
दूसरी तरफ विद्युत आपूर्ति होते ही कोई ना कोई फेज का फ्यूज जल जाता है और जिस फेज में बिजली प्रवाहित रहती है उस फेज पर कटियामार टूट पड़ते है जिससे लो वोल्टेज की समस्या भी विकराल हो गई है। गांवों में भी कमोवेश इसी स्थिति से लोंगों को जूझना पड़ रहा है। निकटवर्ती जनऊपुर गांव में भी विद्युतीकरण पांच दशक पहले हुआ था। तब से लेकर अब तक लाइन की कोई मरम्मत नहीं हुई और न ही मेंटेनेंस का कार्य हुआ। इससे विद्युत लाइनें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। कई बार जर्जर लाइनों के तार टूटकर गिरने से पशुओं की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके विभाग जर्जर तार बदलवाने का नाम नही ले रहा है। गांव निवासी मनोज पाण्डेय, मुकेश जी ब्यास, अभिषेक कुमार ने विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों से जर्जर तार बदलवाने की मांग की है।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय