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अगर 2019 की अंतिम तिमाही से तुलना करें तो कार्यस्थलों पर पाबंदियों में ढील देने और निवेश परियोजनाओं व उपभोग में रिकवरी के चलते कामकाजी घंटों में 4.9 फीसदी की कमी आई है। यह करीब 14 करोड़ फुल टाइम नौकरियों के बराबर है। आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने कहा, नए आंकड़े दर्शाते हैं कि बीते कुछ सप्ताहों में कई क्षेत्रों में स्थिति बहुत खराब रही है। खासतौर से विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों में। क्षेत्रीय तौर पर देखें तो दूसरी छमाही में अमेरिका में 18.3 फीसदी, यूरोप व सेंट्रल एशिया में 13.9 फीसदी, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में 13.5 फीसदी, अरब देशों में 13.2 फीसदी और अफ्रीका में 12.1 फीसदी कामकाजी घंटों का नुकसान हुआ है। कोविड-19 मामलों में नवीनतम वृद्धि के बीच हफ्तों पहले फिर से खुलने वाले कारोबार को एक बार फिर से बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
देश भर के लाखों अमेरिकी अब घर लौट रहे हैं। द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए कांग्रेस का झुकाव कम होता दिख रहा है। इस बीच, होटल श्रृंखला, निर्माण फर्म और मूवी थिएटर आदि कंपनियों ने को अब अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। कई गवर्नर ने कुछ मामलों में नए सुरक्षा प्रतिबंध जारी कर दिए हैं। पहले हफ्ते के बाद ही दिशा-निर्देशों का पहला दौर शुरू हो गया था। अमेरिका में हाल के हफ्तों में, तीन राज्यों कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सास में नई नीतियों को लागू किया गए है। यहां आंशिक रूप से रेस्तरां या बार सेवा को प्रतिबंधित किया गया है। मार्च और अप्रैल में छह मिलियन से अधिक नौकरियों को खोने से पहले खाद्य पदार्थ सेवा और बार उद्योग ने महामारी से पहले लगभग पांच प्रतिशत कार्य किया है। यह उद्योग आठ मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क