बलिया (ब्यूरो) ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को बलिया जनपद के विभिन्न गांवों में काली जी की पूजा करने के साथ-साथ साथ कोरोना की भी पूजा की गई। जिन गांवों में कोरोना को माई मानकर पूजा गया उनमें हरिहाॅ कला, मुनिछपरा, चौबेछपरा, अचलगढ, छेड़ी, लक्ष्मीपुर, रामपुर सहित दर्जनों गांव शामिल हैं। खास बात यह कि अंधविश्वास में पूरी तरह डूब चुकीं ये महिलाएं किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जहां पूरा विश्व परेशान है वहीं हमारे हिंदुस्तान की अशिक्षित महिलाओं के साथ-साथ पढ़ी लिखी महिलाओं द्वारा पिछले एक सप्ताह से कोरोना वायरस को कोरोना माई समझ कर पूजा जा रहा है। ये महिलाएं किसी सुनसान बंजर जमीन में जाकर पहले जमीन को खोद रही हैं और उसमें 9 लड्डू , 9 लौंग, 9 अड़हुल का फूल और छाक लेकर पूजा करने जा रही हैं।
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यह पूजा उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में ही नहीं बल्कि बलिया से सटे बिहार प्रांत के छपरा, बक्सर, आरा सहित विभिन्न जनपदों में हो रही है। जिला प्रशासन ने आस्था के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतने को कहा है। जिले में सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक महिला गाय की औरत के रूप में प्रकट होकर खुद को कोरोना माई बताते हुए कह रही है कि पूजा के रूप में लड्डू, फूल आदि चढ़ाने से कोरोना महामारी दो सप्ताह में भाग जाएगी। इस वीडियो से प्रभावित होकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा पूजन अर्चन शुरू कर दिया गया है।
जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि जिला प्रशासन को यह जानकारी मिली है कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से प्रेरणा लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं कोरोना माई की पूजा कर रही हैं।
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उन्होंने कहा कि पूजन करना आस्था का विषय है, लेकिन कोरोना एक वायरस है। वैज्ञानिक उपाय के साथ ही सुरक्षात्मक उपाय किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने महिलाओं से अनुरोध किया है कि शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन पर ध्यान दें, अंधविश्वास पर नहीं। वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० बीपी सिंह कहते हैं कि आम लोगों को इस अंधविश्वास की चपेट में नहीं आना चाहिए। कोरोना माई को लेकर जो वीडियो वायरल हुआ है , वह पूरी तरह से मिथ्या है। अंधविश्वास में किसी भी महिला व पुरुष को नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि कोरोना एक वायरस है। अभी तक इसकी कोई दवा नहीं बनी है।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय