रतसर (बलिया) स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण के लिये बन रही गाइडलाइन में केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय की ओर से देश भर के चुनिन्दा ग्राम प्रधानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम बात कर सुझाव लिया गया। इस क्रम में जलशक्ति मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अरुण बरोका ने गड़वार ब्लाक के रतसर कलां ग्राम पंचायत की प्रधान स्मृति सिंह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता कर स्वच्छ भारत मिशन के लिये बन रही कार्य योजना के लिये उनके सुझावों को नोट किया। इस दौरान ग्रामप्रधान सुश्री स्मृति सिंह ने अपने ग्राम पंचायत में किये गए कार्यों को विस्तृत रूप से साझा करनें के साथ ही 21 बिंदुओं पर अपना सुझाव दिया। जो इस प्रकार हैं।
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1-शौचालय में अलग से टंकी का प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान हो।
2- शौचालय में महिलाओं के लिये अलग से सेनेट्री पैड्स निस्तारण के लिये Incinerator लगाने का प्रावधान हो।
3- सेनेट्री पैड्स की यूनिट ग्राम पंचायतों के निधि से लगाने का प्रावधान हो।
4-ग्राम पंचायतों मे स्वच्छताग्राहियों की संख्या दो हो और उनको मानदेय दिया जाये, ऐसा संभव न हो तो शौचालय लाभार्थियों के खाते से 100रुपये स्वच्छताग्राहियों के खाते में डालने का प्रावधान हो, जिससे वो अपनी जिम्मेदारी समझकर शौचालय बनवाने में रुचि ले सके,जो सिर्फ कागजों में ही सीमित ना हो।
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5- निगरानी समिति के प्रत्येक सदस्यों को भी मानदेय मिले,जिससे वो शौचालय निर्माण की प्रगति में रुचि ले सके।
6- शौचालय लाभार्थियों को आधा शौचालय बन जाने के बाद ही पैसा देने का प्रावधान हो जो कि अन्य दबावो के चलते प्रधानों को बिना शौचालय बने ही चेक देना पड़ जा रहा है,कभी कभी पूरे पैसे लेने के बाद भी लाभार्थी शौचालय नहीं बनवाते है।
7- शौचालय का निर्माण नहीं कराने पर उन्हें दंडित करने का प्रावधान हो।
8- शौचालय बनने के बाद भी उसका प्रयोग न करके बाहर जाने वालो को चालान करने का अधिकार स्थानीय पुलिस को मिले जिससे ओडीएफ की स्थिति बनी रहे।
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9- बिना Soakpit(सोख्ता) वाले शौचालय मान्य न किये जाये।
10- शौचालयों का रखरखाव लाभार्थियों को मनरेगा निधि से करने का प्रावधान हो,जिससे रोजगार के साथ-साथ शौचालय भी सही तरीके से कार्य कर सके।
11- ग्रामपंचायत स्तर से SLWM पर ग्राम पंचायत निधि से खर्च कर गोबर गैस संयत्र या खाद्य संयत्र लगाने का प्रबंध हो, जिससे कचरा/गोबर इत्यादि के निस्तारण का समुचित प्रबंधन हो सके और गोबरगैस व जैविकखाद स्थानीय लोगों को लागत मूल्य पर आसानी से मिल सके।
12- ग्राम प्रधानों ,स्वच्छताग्राहियों, निगरानी समिति की ट्रेनिंग हर 6माह पर ब्लाक स्तर पर हो तथा एक वर्ष मे ट्रेनिंग प्रदेश व केन्द्र स्तर पर भी कराने की व्यवस्था की जाये।जिससे गुणवत्ता पुर्वक कार्य के साथ मे गाँवों की प्रगति हो सके।
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13- ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्येक 6माह पर कोई बडा अधिकारी सम्बन्धित विभाग का आकर जमीनी हकीकत देखे व कठिनाईयों को समझने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करें।
14- नये बने घरों में भी शौचालय की अनिवार्यता सुनिश्चित करने का प्रावधान हो।
15- MIS सिर्फ पात्र लोगों का ही हो,वो भी प्रधान के हस्ताक्षर के द्वारा ताकि उसकी सारी जिम्मेदारी प्रधान की ही हो और अपात्र और पुराने बने शौचालय वालो को भुगतान न करना पड़े।
16- MIS की सूची मे संशोधन का प्रावधान होना चाहिए। शौचालय प्लस एप्स का भी प्रावधान होना चाहिए।
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17- SBM/SLWM की गाइडलाइन को सरल व आसान बनाया जाये जो लोगों को प्रेरित कर सकें।
18- SBM/SLWM को स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए क्योंकि स्वच्छ मनुष्य ही स्वस्थ मनुष्य है।
19- भारत सरकार को गुणवत्तापूर्वक दो गड्ढे वाला Soakpit (सोख्ता) बनाने वाले स्थानिय मिस्त्रियों को उचित प्रशिक्षण के लिये जनपद स्तर पर कार्यशाला समय-समय पर आयोजित होना चाहिए। जिससे गुणवत्तायुक्त शौचालय निर्माण के साथ-साथ प्रशिक्षित मिस्त्रियों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके।
20- जिन ग्रामपंचायतों में शौचालय बनाने के लिये सरकारी भूमि LGD Code ना पेंट कराये। उनके प्रोत्साहन राशि से पेंट की लागत की वसुली हो।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय
Some of the suggestions are really good & feasible.
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