नई दिल्ली (ब्यूरों) कोरोना वायरस के चलते दुनिया के 181 देशों में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 10 लाख के पार हो गया है, जबकि इस महामारी के चलते 51 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जॉन होपकिन्स यूनिवर्सिटी कोरोना ट्रैकिंग सेंटर के मुताबिक, गुरुवार की देर रात तक कोरोना से अमेरिका में 2,36,339, इटली में 1,15,242 स्पेन में 1,10,238 जर्मनी में 84,600 चीन में 82,432 फ्रांस में 59,929 इरान में 50,468 यूनाइटेड किंगडम में 34,164 स्विट्जरलैंड में 18,827 और तुर्की में 18,135 लोग संक्रमित पाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने इसे दूसरे विश्वयुद्ध के बाद मानवता के समक्ष कोरोना वायरस को सबसे भीषण संकट करार दिया है।
इटली और स्पेन में कोरोना वायरस ने कहर मचा रखा है और पूरे महाद्वीप में प्रत्येक चार मौतों में से तीन मौत इन देशों में हो रही हैं। स्थिति यह है कि पृथ्वी की लगभग आधी आबादी इस समय लॉकडाउन की जद में है, ताकि संक्रमण को और ज्यादा फैलने से रोका जा सके। भारत में भी अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच चुका हैं। भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन किए जाने के बावजूद भी यहां पर कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में COVID-19 के पॉजिटिव केस का आंकड़ा गुरुवार 2 अप्रैल को 2000 के पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 2069 हो गई है। वहीं, अब तक इस वैश्विक महामारी से 53 लोग मारे जा चुके हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या में 400 से अधिक मामले निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात के लोगों का हैं। कोरोना वायरस का पूरी दुनिया पर की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस वैश्विक महामारी के चलते एशिया में करीब 1.1 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के चलते इस साल चीन और अन्य पूर्वी एशिया प्रशांत देशों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है। वर्ल्ड बैंक का यह भी कहना है कि पूर्वी एशिया में इस साल विकास की रफ्तार 2.1% रह सकती है, जो 2019 में 5.8% थी। ऐसा अनुमान है कि 1.1 करोड़ से अधिक संख्या में लोग गरीबी के दायरे में आ जाएंगे।
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कोरोना संकट से पहले वर्ल्ड बैंक का अनुमान था कि इस वर्ष विकास दर पर्याप्त रहेगी और 3.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाएंगे। अब यह कहा जा रहा है कि चीन की विकास दर भी पिछले साल की 6.1% से घटकर इस साल 2.3 % रह जाएगी। पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री आदित्य मट्टू ने कहा कि, यह विश्वव्यापी संकट है, लेकिन इससे चीन समेत पूर्वी एशिया मुल्कों में गरीबी में तेजी से इजाफा होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्वी एशिया में 1 करोड़ 10 लाख लोग गरीब हो जाएंगे।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क