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Ballia News: शपथ ग्रहण के साथ ही फूलों की नगरी में बनीं सावित्री देवी की सरकार, क्या इन चुनौतियों का सामना कर पायेंगी नवनिर्वाचित चेयरमैन

"शपथ ग्रहण के साथ ही नगर की नई सरकार ने संभाला अपना कार्यभार, सावित्री देवी ने दूसरी बार नगर पंचायत सिकन्दरपुर का अध्यक्ष बनकर दोहराया इतिहास, लेकिन उनके सामने नगर के विकास और जन भावनाओं के अनुरूप कार्य करने की होगी कई बड़ी चुनौतियां"

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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। जिले में कई नगर पंचायतों का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया। शपथ के उपरांत चुने हुए अध्यक्षों ने अपने-अपने नगर निकायों में अपनी सरकार बनाई। इसी कड़ी में स्थानीय गांधी इंटर कालेज के प्रांगण में शुक्रवार को शपथ ग्रहण के साथ ही नगर की नई सरकार ने अपना कार्यभार संभाल लिया। सावित्री देवी ने दूसरी बार नगर पंचायत सिकन्दरपुर का अध्यक्ष बनकर इतिहास दोहराया है, लेकिन उनके सामने नगर के विकास और जन भावनाओं के अनुरूप कार्य करने की कई बड़ी चुनौतियां भी है। अलबत्ता नव निर्वाचित अध्यक्ष का नगर की दर्जनों चुनौतियां इंतजार कर रही हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। वर्षों से नगर क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में सुविधाओं का टोटा अपने अध्यक्ष का इस्तकबाल करने को पलक पावड़े बिछाए हुए है। मूलभूत सुविधाओं में शामिल सड़क, बिजली, पानी, नाली, नाला, सीवर लाइन जैसे अनेक विकास कार्य हैं, जो क्षेत्र में कराने होंगे। वजह कि नगर के लोगों को नए चेयरमैन से काफी उम्मीदें बंधी हुई है।

पूरे कस्बे में नाले की समस्या काफी जटिल समस्या है। बारिश के दिनों में नगर क्षेत्र के आधे मोहल्लों के निवासी साल के चार महीने नाबदान के गंदे पानी से दो चार हो नारकीय जीवन जीने को मजबूर होते है। अब जब की बारिश का मौसम आने में वक्त भी कम है, तो ऐसे में नगरवासियों को इस समस्या से निजाद दिलाने के लिए नए अध्यक्ष को काफी मशक्कत व मेहनत करनी होगी। इसके इतर बात यदि शुद्ध पेयजल की करें तो यह विडंबना ही है की आज तक यहां के लोगों को शुद्घ पेयजल भी मयस्सर नहीं हो पाया है। हालांकि हर पांच साल बाद सत्ता सुंदरी का सुख भोगने वालों ने समस्या समाधान का सपना तो दिखाया, लेकिन कभी उसे पूरा करने की जहमत नहीं उठाई। एक बार फिर सिकन्दरपुर की जनता टकटकी लगाए नए अध्यक्ष को निहार रही है कि शायद इस बार उनकी उम्मीदों को पंख लग जाए। हालांकि अधोसंरचना विकास के तो नगर क्षेत्र में ढेरों कार्य हुए हैं, लेकिन स्वच्छ पेयजल सप्लाई की व्यवस्था आज तक न हो पाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।

इसके अलावा स्वच्छ भारत की संकल्पना को साकार करने की कड़ी में सहभागी बनी इत्र की नगरी को सड़क किनारे लगे कूड़ों का अंबार प्रतिदिन आईना दिखाने का काम करते है। इसके अलावा नगर क्षेत्र की की उधड़ी सड़कें, मोहल्लों में फैली गंदगी और स्वच्छंद विचरण करते मवेशियों से होने वाली परेशानियों को दूर करना भी आसान काम नहीं है। यूं तो नगर क्षेत्र को चुनौतियों को गिनना शुरू किया जाए तो इसकी फेहरिस्त काफी लंबी हो जायेगी। फिर भी सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी समस्याओं को नजरंदाज करना भी क्षेत्रीय जनता के साथ नाइंसाफी होगी। मसलन अतिक्रमण, हलक सुख चुके आरो वाॅटर प्लांट, नगर में मौत बनकर मंड़रा रहे हाईटेंशन बिजली के जर्जर तार के साथ कुछेक मोहल्लों में नंगे तारों का फैला मकड़जाल, डॉक्टर कालोनी में ब्याप्त गंदगी ये सब समस्यों से जूझना नई अध्यक्ष के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण होने वाला है। अब यह देखना बेहद ही दिलचस्प होगा कि नगर के विकास में नई अध्यक्ष क्या कुछ कर पाती हैं या नहीं। उधर जनता की निगाहें भी दूसरी बार नगर के चेयरमैन बनी सावित्री देवी की तरफ टकटकी लगाए देख रही हैं।

रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता

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